कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी जा रही हैं. मंगलवार को सरकार ने कहा कि में देश में एक बार फिर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है साथ ही चेतावनी दी कि ऐसी स्थिति में  स्वास्थ्य ढांचा भी चरमरा सकता है. केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आगाह किया कि अगर तत्काल उपाय नहीं किए गए तो कोरोना संक्रमण के मामलों में मौजूदा उछाल स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को प्रभावित कर सकता है. इसके साथ ही कहा गया कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली अब 8,032 सक्रिय मामलों के साथ देश के टॉप 10 कोरोना संक्रमित राज्यों में शामिल हो गई है. इस लिस्ट में महाराष्ट्र टॉप पर है. यहां के आठ जिले कोरोना संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित हैं. वहीं कर्नाटक के एक जिले  बेंगलुरु शहर में कोरोना का कहर बरप रहा है


स्थिति बद से बदतर होती जा रही है


वहीं नीति अयोग सदस्य-स्वास्थ्य डॉ, वी के पॉल ने कहा, “स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.  यह चिंता का एक गंभीर विषय है. रुझान बताते हैं कि वायरस अभी भी बहुत एक्टिव है और बढ़ रहे मामले हमारे रोकथाम के उपायों को भेद सकता है. जब हम सोचते हैं कि हमने इसे नियंत्रित कर लिया है, तो यह वापस आ जाता है. ये बेहद चिंता की बात है और ऐसे में हम सभी को इसके प्रति सचेत रहना चाहिए.” वहीं डॉ वीके पॉल ने आगे कहा कि देश एक गंभीर और गहन स्थिति का सामना कर रहा है और पूरा देश संभावित जोखिम में है.


सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान करें तैयार


इधर राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी जिलों से कहा है, चाहे वह संक्रमण के मामलों में वृद्धि देख रहे हों या नहीं, संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए क्लियर टाइमलाइन्स और जिम्मेदारियों के साथ एक 'जिला कार्य योजना' तैयार की जाए.


भूषण ने कहा है कि मामलों में हो रही वृद्धि चिंता का विषय है और यह स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को काफी प्रभावित कर सकता है.  ”भूषण ने अपने पत्र में ये भी कहा है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कठोर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है. केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को  आरटी-पीसीआर टेस्ट के हाई प्रपोशन के साथ-साथ टेस्टिंग को बढ़ाने की सलाह दी है. भूषण ने कहा, "टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट" कुंजी बनी हुई है.”


मामलों की मैपिंग करने की भी सलाह दी गई है


राज्यों को सर्विलांस एक्टिविटिज के आधार पर मामलों की मैपिंग करने की भी सलाह दी गई है. इसके अलावा, राज्यों को कोविड-उपयुक्त व्यवहार का अनुपालन सुनिश्चित कराने की सलाह दी गई है. जरूरत पड़ने पर पुलिस अधिनियम का उपयोग भी किया जा सकता है.


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