Omicron Alert: ओमिक्रोन को लेकर केंद्र की राज्यों के साथ बैठक, दिए ये दिशा-निर्देश
Omicron Alert: राज्यों को टेस्टिंग बढ़ाने की सलाह दी गई है. टेस्टिंग के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और टेस्टिंग दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने समेत कुछ और दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं.
नई दिल्ली: दुनिया में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों और खतरों को देखते हुए आज केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ पब्लिक हेल्थ रेस्पॉन्स और तैयारियों की समीक्षा बैठक की. बैठक में राजेश भूषण के साथ नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य वी के पॉल, नागरिक उड्डयन सचिव राजीव बंसल, डीजी आईसीएमआर डॉ. बलराम भार्गव, डॉ. सुजीत के सिंह, निदेशक, एनसीडीसी, राज्य स्वास्थ्य सचिव, एमडी (एनएचएम), मंत्रालय के प्रतिनिधि विदेश मंत्रालय, आप्रवासन ब्यूरो (बीओआई), राज्य हवाई अड्डे के सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी (एपीएचओ) और राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के अन्य अधिकारी मौजूद थे.
डीजी आईसीएमआर ने इस बैठक में बताया कि ओमिक्रोन वेरिएंट RTPCR और RAT से नहीं बचता है. इसलिए, राज्यों को किसी भी मामले की जल्द से जल्द पहचान के लिए टेस्टिंग में तेजी लाने की सलाह दी गई है.
इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से राज्यों को कुछ दिशा निर्देश और सलाह दी गई है:-
- ‘एट रिस्क’ की श्रेणी वाले देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की पहले और 8वें दिन विशिष्ट श्रेणी के यात्रियों के सैंपल टेस्टिंग करने आवश्यकता है. राज्यों को ‘एट रिस्क’ देशों के अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को आरटी-पीसीआर परीक्षण की रिपोर्ट उपलब्ध होने तक हवाई अड्डों पर प्रतीक्षा करने की तैयारी करने की सलाह दी है.
- जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सभी पॉजिटिव सैंपल को INSACOG लैब्स जो राज्यों के साथ मैप की गई हैं, वहां तुरंत भेजें. राज्य सरकार पॉजिटिव व्यक्तियों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करें और 14 दिनों के लिए इसका फॉलो अप भी करें.
- राज्यों को टेस्टिंग बढ़ाने की सलाह दी गई है. टेस्टिंग के बुनियादी ढांचे को मजबूत करें और टेस्टिंग दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करें. साथ ही आरटी-पीसीआर अनुपात को बनाए रखते हुए प्रत्येक जिले में पर्याप्त टेस्टिंग सुनिश्चित करें.
- राज्य सरकारें हॉटस्पॉट की प्रभावी तौर से मॉनिटरिंग करें. उन क्षेत्रों की निरंतर निगरानी की जाए जहां हाल ही में पॉजिटिव मामलों के ज्यादा केस सामने आए हैं. जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सभी पॉजिटिव नमूनों को त्वरित तरीके से नामित INSACOG लैब में भेजें.
- होम आइसोलेशन के मामलों की प्रभावी और नियमित मॉनिटरिंग करें खासकर "एट रिस्क" देशों के यात्रियों के घरों में होम आइसोलेशन के दौरान फिजिकल विजिट की जाए. 8 वें दिन टेस्टिंग के बाद नेगेटिव रिपोर्ट आने बाद भी राज्य प्रशासन द्वारा शारीरिक निगरानी की जाएगी.
- स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे जैसे आईसीयू, O2 बेड, वेंटिलेटर आदि की उपलब्धता की तैयारी सुनिश्चित करें. ग्रामीण क्षेत्रों और बाल चिकित्सा मामलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए ECRP-II को लागू करें. लॉजिस्टिक्स, दवाओं, O2 सिलेंडरों आदि की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ स्वीकृत पीएसए संयंत्रों का शीघ्र कार्यान्वयन किया जाए.
- सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के विवरण सहित पॉजिटिव यात्रियों की सूची के लिए एपीएचओ और "एयर सुविधा" पोर्टल के साथ समन्वय करें और प्रभावी निगरानी के लिए उनके समर्थन को मजबूत करें.
- ये भी सलाह दी गई है कि राज्य प्रशासन, BOI अधिकारियों, एपीएचओ, पोर्ट स्वास्थ्य अधिकारियों (पीएचओ) और भूमि सीमा पार करने वाले अधिकारियों (एलबीसीओ) के बीच प्रभावी और समय पर समन्वय पर जोर दिया जाए.
- देश में किसी भी वेरिएंट ऑफ कंसर्न के प्रसार को ट्रैक करने और रोकने के लिए राज्य सर्विलांस अधिकारी द्वारा रोजाना सर्विलांस, विशेष रूप से जहां से पॉजिटिव मामले ज्यादा सामने आए हो, की जाए.
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