आर्यन खान को ड्रग मामले में गिरफ्तार करने वाले IRS अधिकारी समीर वानखेड़े को बड़ी राहत, जानें क्या है पूरा मामला
केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने माना कि वानखेड़े की सेवा अवधि का बड़ा हिस्सा विभिन्न विभागों में डेपुटेशन पर रहा, जिसे स्थानांतरण नीति के तहत उनकी मुंबई में सेवा अवधि में नहीं जोड़ा जा सकता.

केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) ने भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी समीर वानखेड़े के मुंबई से चेन्नई स्थानांतरण को रद्द कर दिया है. वानखेड़े को मई 2022 में मुंबई से चेन्नई स्थानांतरित किया गया था, जिसे CAT की प्रधान पीठ ने मनमाना और उनके स्वयं के स्थानांतरण नीति का उल्लंघन बताया. न्यायमूर्ति रंजीत मोरे (अध्यक्ष) और सदस्य (प्रशासनिक) राजिंदर कश्यप की पीठ ने कहा कि वानखेड़े के प्रति विभाग का रुख पक्षपातपूर्ण प्रतीत होता है.
2008 बैच के IRS अधिकारी वानखेड़े 2021 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) मुंबई के जोनल निदेशक थे. उन्होंने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग मामले में गिरफ्तार कर सुर्खियां बटोरी थीं. हालांकि, बाद में रिश्वत और अनियमितताओं के आरोपों के चलते उन्हें जांच से हटा दिया गया था.
वानखेड़े के खिलाफ विभागीय जांच हुई
NCB ने साक्ष्यों के अभाव में आर्यन खान के खिलाफ मामला बंद कर दिया. वानखेड़े के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हुई और सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जबरन वसूली व मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में मामले दर्ज किए. मई 2022 में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने उन्हें मुंबई स्थित डायरेक्टरेट जनरल ऑफ एनालिटिक्स एंड रिस्क मैनेजमेंट (DGARM) से चेन्नई के डायरेक्टरेट जनरल ऑफ टैक्सपेयर सर्विस (DGTS) में स्थानांतरित कर दिया.
वानखेड़े को CAT से मिली बड़ी राहत
CAT ने यह माना कि वानखेड़े की सेवा अवधि का बड़ा हिस्सा विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) पर रहा, जिसे स्थानांतरण नीति के तहत उनकी मुंबई में सेवा अवधि में नहीं जोड़ा जा सकता. न्यायाधिकरण ने कहा कि स्थानांतरण नीति का पालन निष्पक्ष, पारदर्शी और न्यायसंगत तरीके से किया जाना चाहिए.
CAT ने स्थानांतरण आदेश को स्थानांतरण/प्लेसमेंट गाइडलाइंस 2018 के विपरीत पाया और इसे रद्द कर दिया. हालांकि, न्यायाधिकरण ने उत्तरदाताओं पर कोई जुर्माना नहीं लगाया. इस मामले में वानखेड़े की ओर से अधिवक्ता अजयेश लूथरा और जतिन पाराशर ने पैरवी की, जबकि केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता हनु भास्कर मौजूद थे.
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