तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य में लाइफ मिशन और के-फोन परियोजनाओं समेत कई मामलों की छानबीन कर रही केंद्रीय एजेंसियों की सोमवार को आलोचना करते हुए कहा कि इन एजेंसियों को “कुछ विकृत मानसिकता वाले लोगों” की धुन पर नहीं नाचना चाहिए.


यहां कोविड-19 समीक्षा बैठक में शामिल होने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन में विजयन ने उन जांच एजेंसियों के प्रति नाराजगी जताई जिन्होंने विभिन्न विकास परियोजनाओं का विवरण और केआईआईएफबी पर कैग रिपोर्ट मांगी है. हाल ही में एक मसौदा रिपोर्ट में कथित तौर पर भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (कैग) ने कहा था कि केरल अवसंरचना निवेश निधि बोर्ड (केआईआईएफबी) “असंवैधानिक तरीके से” ऋण ले रहा है.


के-फोन परियोजना का लक्ष्य इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराना है


विभिन्न जांच एजेंसियां राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं की जांच कर रही हैं जिसमें के-फोन परियोजना भी शामिल है जिसके तहत राज्य में सभी को मुफ्त इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी. विजयन ने कहा कि के-फोन परियोजना का लक्ष्य राज्य के सभी घरों और कार्यालयों में इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराना है और कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है. विजयन ने कहा, “हम समझते हैं कि कुछ इसमें अपना हित देख रहे हैं, लेकिन देश की किसी जांच एजेंसी का इसमें क्या हित हो सकता है.


वह इसमें क्यों हस्तक्षेप कर रहे हैं? यह केआईआईएफबी द्वारा पोषित है और देश की नवरत्न कंपनियों में से एक भेल द्वारा इसका क्रियान्वयन किया जा जा रहा है.” उन्होंने कहा कि वाम सरकार उन जिम्मेदारियों को पूरा करेगी जो जनता ने उन्हें दी है.


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