12 हजार 900 बीघे में हो रही थी गांजे की खेती, नारकोटिक्स विभाग ने 2 हफ्ते ऑपरेशन चलाकर किया नष्ट
Cannabis In Himachal Pradesh: सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स ने राजस्व खुफिया निदेशालय के साथ मिलकर मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के 23 गांव में फैली अवैध गांजे की खेती को नष्ट किया.
Cannabis Farming In Himachal Pradesh: सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स (Central Bureau of Narcotics-CBN) ने दो हफ्ते चले ऑपरेशन के बाद 12 हजार 900 बीघा इलाके में फैली अवैध गांजे (Cannabis) की खेती को मंगलवार को नष्ट किया. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के 23 गांवों में गांजे की अवैध खेती हो रही थी.
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स ने राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI)के साथ मिलकर ऑपेरशन किया था, जिसमें चार टीमें बनाई गई थीं. खास बात ये कि टीम ने 11 हजार फीट की ऊंचाई से जीपीएस और ड्रोन की मदद से ये खेती पकड़ी. बता दें कि हिमाचल में बड़े पैमाने पर इस तरह की खेती की खबरें मिल रही थीं.
टेक्नोलॉजी की मदद से पकड़ रहे बड़े मामले
इसी साल फरवरी और मार्च में ब्यूरो ने अरुणाचल प्रदेश में भी 3600 हेक्टेयर इलाके में फैली गांजे की अवैध फसल को नष्ट किया था. अधिकारियों ने बताया कि टेक्नोलॉजी की मदद से काम काफी आसान हो गया है. उन्होंने बताया की आगे ऐसे अभियानों को और तेज किया जाएगा.
भारत में गांजे की खेती को लेकर क्या नियम है
हिंदुस्तान में 1985 के नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेज (NDPS) अधिनियम के तहत गांजे की खेती करने पर पाबंदी है. हालांकि इसी एक्ट के तहत राज्य सरकारों को आर्थिक उद्देश्य के लिए गांजे की खेती करने कर सकते हैं लेकिन इसके लिए अनुमति लेनी होगी. देश में गांजे की खेती के लिए लाइसेंस लेना होता है जिसके लिए प्रति हेक्टेयर पर एक हजार रुपये देने होते हैं. नियमों का उल्लघंन करने पर फसल को नष्ट कर दिया जाता है.
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