नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. बात करें राजधानी दिल्ली की तो यहां नए कुल 110 नए मामले सामने आए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस की संख्या 2000 के आंकड़े को पार कर गई है. यहां अब तक कोविड-19 के कुल 2003 मामले सामने आए हैं. वहीं अब तक 45 की मौत हो चुकी है. वहीं दिल्ली सरकार के मुताबिक अब तक 290 लोग इलाज के बाद रिकवर हो चुके हैं.


दिल्ली के 11 ज़िलों में सबसे अधिक कोरोना संक्रमित ज़िला सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट है. दिल्ली में कोविड-19 के 7 कंटेनमेंट ज़ोन हैं. जिनमें 5 कंटेनमेंट ज़ोन सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में हैं.


एसिम्पटोमैटिक मरीज़ों से गहराई चिंता


दिल्ली में ऐसे मरीज़ अधिक हैं जो कोरोना पॉज़िटिव होते हुए भी एसिम्पटोमैटिक हैं यानी उनमें कोरोना के लक्षण तो नहीं हैं लेकिन टेस्ट में वो कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं.


दिल्ली के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ज़िले में 201 पॉज़िटिव, 19 मौतें


घनी आबादी वाले सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में आज सुबह तक 201 व्यक्ति कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं. इन लोगों के सम्पर्क में आए और इनके आस पास के इलाक़े पर विशेष फ़ोकस किया जा रहा है. अब तक इस ज़िले में कोरोना से कुल 19 मौतें हो चुकी हैं.


अधिक टेस्टिंग से ही होगा सही अनुमान


सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट निधी श्रीवास्तव ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में पुरानी दिल्ली का इलाक़ा भी आता है जहां बहुत पतली गालियां हैं. यहां की आबादी भी बहुत घनी है ऐसे में अधिक से अधिक टेस्टिंग से ही एसिम्पटोमैटिक मरीज़ों का पता चल सकता है.


 कोविड-19 टेस्टिंग वैन से की जा रही है जांच


एसिम्पटोमैटिक मरीज़ों के कारण दिल्ली में टेस्टिंग का महत्व बहुत बढ़ गया है. इस चुनौती से निपटने के लिए दिल्ली के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ज़िले में दिल्ली की पहली मोबाईल कोविड-19 टेस्टिंग वैन ने सैम्पलिंग का काम शुरू किया है. इस वैन से एक साथ दो व्यक्तियों की जांच हो सकती है. इसमें हेल्थ वर्कर खुले में नहीं रहता जिससे पीपीई की भी खपत कम होती है. सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की डीएम निधी श्रीवास्तव ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि कोविड-19 टेस्टिंग वैन की संकरी गलियों तक पहुँच है. इससे अब यहां पैदल चलने का समय भी बचेगा और सैम्पलिंग कर रहे स्वास्थ्य कर्मी भी सुरक्षित रहेंगे.


रोज़ 700 टेस्ट का है लक्ष्य


इस वैन से रोज़ 150 व्यक्तियों का सैम्पल लेने का लक्ष्य रखा गया है. ऐसी 5 वैन तीन दिन में और आ जाएगी. पांचों वैन के सक्रिय हो जाने पर रोज़ 700 सैम्पल लिए जा सकेंगे. अधिक संख्या में हुई टेस्टिंग के नतीजों से ये अनुमान लगाना आसान होगा कि कोरोना दिल्ली में किस दर से बढ़ या घट रहा है.

मैपिंग और प्लॉटिंग के ज़रिए रखी जा रही है नज़र


निधी श्रीवास्तव ने बताया कि हम इलाक़े के मैप को ध्यान में रखते हुए प्लानिंग कर रहे हैं. हम फ़ोकस एरिया की मैपिंग और प्लॉटिंग करके टेस्टिंग और शोशल डिसटेंसिंग पर ज़ोर दे रहे हैं.


कैसे लिया जाता है सैम्पल


कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए शुरुआत में खून की जांच नहीं होती बल्कि एक टेस्टिंग स्ट्रिप से गले और नाक के द्रव का सैम्पल लिया जाता है. टेस्टिंग में हर व्यक्ति का ओरल और नेज़ल स्वॉब लिया जा रहा है जिसे टेस्टट्यूब में बंद कर आइस बॉक्स में रख दिया जाता है. शाम तक एकत्रित सभी सैम्पल टेस्टिंग लैब को भेजे जाते हैं.


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