नई दिल्ली: प्रधानमंत्री के आवास पर इस वक्त केंद्रीय कैबिनेट की बैठक चल रही है. इसके बाद आज शाम को पांच बजे मंत्रि परिषद की भी बैठक होगी. आज होने वाली यह बैठक कई मायनों में खास है. कोरोना काल के चलते करीब एक साल बाद प्रधानमंत्री वर्चुअल के बजाए फिजिकल तौर पर बैठक कर रहे हैं. इस बार मंत्रियों के उनके मंत्रालय के कामकाज के वितरण को लेकर भी बातचीत होगी. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ये दूसरी कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक है.


इसके साथ ही आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आज अच्छी ख़बर आ सकती है. कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ते पर लगी रोक हटाने का फैसला लिया जा सकता है. इसके साथ ही महंगाई भत्ते में 3 फ़ीसदी की बढोत्तरी का भी प्रस्ताव है.


दरअसल कोरोना शुरू होने के बाद से महंगाई भत्ते की बढोत्तरी पर रोक लगी हुई है. पिछले साल कोरोना महामारी शुरू होने के बाद अप्रैल के महीने में केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते की दो किस्तों को जारी करने पर रोक लगा दी थी. चूंकि महंगाई भत्ते की क़िस्त हर छह महीने पर जारी की जाती है. एक बार 1 जनवरी से जबकि दूसरी बार 1 जुलाई से. लिहाज़ा ये रोक खत्म हो गई है, लेकिन इस पर आज कैबिनेट में मुहर लग सकती है.


क्या है महंगाई भत्ता यानी Dearness Allowance
दरअसल बढ़ती महंगाई से वस्तुओं के दाम बढ़ते जाते हैं और लोगों के पास मौजूद पैसे की क्रय क्षमता को कम करने लगते हैं. इसका सामना करने के लिए सरकार कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देती है ताकि लोग बढ़ते हुए खर्चों का सामना कर सकें और अपनी जरूरत की चीजों को दाम बढ़ने के बावजूद भी खरीद पाएं.


कैसे तय करती है सरकार महंगाई भत्ता यानी डीए
महंगाई भत्ते यानी डीए की कैलकुलेशन के लिए सरकार ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर बेस्ड महंगाई दर को आधार मानती है और इसके आधार पर हर दो साल में सरकारी कर्मचारियों का डीए संशोधित किया जाता है.


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