नई दिल्ली: हर साल 24 फरवरी के दिन 'केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस' मनाया जाता है. इसका संचालन केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत 'केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क विभाग' की ओर से किया जाता है. इसका लक्ष्य आम लोगों में उत्पाद शुल्क और सेवा शुल्क की अहमियत बताना है. 24 फरवरी, 1944 को केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक कानून लागू किए जाने के उपलक्ष्य में हर साल इसे मनाया जाता है.
दरअसल, 1944 में आज ही के दिन केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक कानून बनाया गया था. देश के औद्योगिक विकास में केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की महत्त्वपूर्ण भूमिका है. देशभर में टैक्स के भुगतान को आसान बनाने के लिए इस विभाग ने टैस्ट सिस्टम में कई सुधार किए हैं, जिसमें कई प्रकार से तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया.
बोर्ड के अधिकारियों को किया जाता है सम्मानित
'केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस' के दिन केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) की ओर से दी जा रही सेवाओं, और उनसे जुड़े अधिकारियों को सम्मानित किया जाता है. अपनी पूरी ईमानदारी से कर्तव्यों को निभाने के लिए और भविष्य में उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है. इस विभाग से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी हर साल विनिर्माण क्षेत्र के माल में भ्रष्टाचार की जांच करते हैं.
उद्देश्य
'केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस' को मनाए जाने का मुख्य लक्ष्य आम लोगों में उत्पाद शुल्क और सेवा शुल्क की अहमियत को समझाना है. आज के दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन बोर्ड की ओर से किया जाता है. इन कार्यक्रमों में जागरुकता कार्यक्रम, पुरस्कार समारोह, सेमिनार, शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं शामिल हैं.
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