केंद्र ने पेंशन रूल्स में किया संशोधन, सिक्योरिटी ऑफिसर्स को रिटायरमेंट के बाद जानकारी पब्लिश करने से पहले लेनी होगी मंजूरी
केंद्र सरकार ने सिविल सर्वेंट्स के पेंशन रूल्स में संशोधन करते हुए सिक्योरिटी और इंटेलीजेंस ऑर्गेनाइजेशन के सेवानिवृत्त अधिकारियों को ऑर्गेनाइजेशन हैड की मंजूरी के बिना ऑर्गेनाइजेशन से संबंधित कुछ भी प्रकाशित करने से प्रतिबंधित कर दिया है. रूल 8 में इस संशोधन के अनुसार, अगर पेंशनभोगी नियमों की अवहेलना करता है तो उसकी पेंशन रोकी या विड्रो की जा सकती है.
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने सिविल सर्वेंट्स के पेंशन रूल्स में संशोधन किया है. इसमें सिक्योरिटी और इंटेलीजेंस ऑर्गेनाइजेशन के सेवानिवृत्त अधिकारियों को ऑर्गेनाइजेशन हैड की मंजूरी के बिना अपने ऑर्गेनाइजेशन से संबंधित कुछ भी प्रकाशित करने से प्रतिबंधित कर दिया है. इसमें ऑर्गेनाइजेशन में उनके अनुभव और विशेषज्ञता से संबंधित जानकारी भी शामिल है.
सेंट्रल सिविल सर्विस (पेंशन) अमेंडमेंट रूल्स, 2020 को सोमवार को कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत आने वाले कार्मिक और प्रशिक्षण डिपार्टमेंट ने नोटिफाई किया. रूल 8 में इस संशोधन का मतलब है कि अगर पेंशनभोगी नियमों की अवहेलना करता है तो उसकी पेंशन रोकी या विड्रो की जा सकती है. नियमों में इस बदलाव के सिक्योरिटी और इंटेलीजेंस ऑर्गेनाइजेशन के सेवानिवृत्त अधिकारियों पर इंपैक्ट की संभावना है जो अपने पहले के ऑर्गेनाइजेशन और अनुभवों पर अखबारों और मैगजीन में लेख या फिर बुक लिखते हैं.
आरटीआई अधिनियम की दूसरी अनुसूची में आने वाले ऑर्गेनाइजेशन के लिए लागू होगा ये नियम
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 में संशोधन करते हुए डीओपीटी ने एक क्लॉज जोड़ा, जिसमें कहा गया है कि सेवानिवृत्ति पर आरटीआई अधिनियम की दूसरी अनुसूची में मेंशन्ड संगठनों में काम करने वालों को ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख से पूर्व मंजूरी के बिना "संगठन के डोमेन से संबंधित कुछ भी प्रकाशित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिसमें किसी भी कार्मिक और उसके पदनाम के बारे में संदर्भ या जानकारी और उस ऑर्गेनाइजेशन में काम करने के आधार पर प्राप्त विशेषज्ञता या नॉलेज" शामिल है.
पब्लिशिंग से पहले ऑर्गेनाइजेशन हैड की लेनी होगी मंजूरी
ऐसे व्यक्ति को यह स्पेसिफाड किया गया है कि किसी भी "संवेदनशील" जानकारी को प्रकाशित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और संबंधित ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख यह तय करेंगे कि प्रकाशन के लिए मामला संवेदनशील है या नहीं या ऑर्गेनाइजेशन के डोमेन में आता है.
ये ऑर्गेनाइजेशन शामिल हैं लिस्ट में
इंटेलीजेंस ब्यूरो, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, राजस्व खुफिया निदेशालय, सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलीजेंस ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, एविएशन रिसर्च सेंटर, स्पेशल फ्रंटियर फोर्स, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड, असम राइफल्स, सशस्त्र सीमा बल, स्पेशल ब्रांच (सीआईडी), अंडमान और निकोबार, क्राइम ब्रांच-सीआईडी-सीबी, दादरा और नगर हवेली, स्पेशल ब्रांच, लक्षद्वीप पुलिस, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, बॉर्डर रोड़ डेवलपमेंट बोर्ड और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट आते हैं. सीबीआई को इस लिस्ट में मनमोहन सिंह सरकार द्वारा आरटीआई अधिनियम में संशोधन के करके जोड़ा गया था.
यह भी पढ़े
CBSE के बाद अब CISCE ने भी रद्द की कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं