गडकरी बोले- नहीं हैं नौकरियां, जबकि देश में 24 लाख से ज्यादा पद रिक्त
संसद में दिए गए अलग-अलग जवाबों से पता चला है कि केंद्र और राज्यों के पास 24 लाख के करीब नौकरियां हैं जिन पर बहाली होनी है.
नई दिल्ली: अभी कल ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के इस बयान से बवाल मच गया कि आरक्षण तो फिर भी दे दिया जाए लेकिन नौकरियां कहां हैं? इससे एक बड़ी बहस ये शुरू हो गई कि एक तरफ तो केंद्र सरकार का कहना है कि नौकरियों की कमी नहीं है, वहीं दूसरी तरफ उनके मंत्री कह रहे हैं कि नौकरी नहीं है. इस बीच जो नई जानकारी आई है वो और दंग करने वाली है. संसद में दिए गए अलग-अलग जवाबों से पता चला है कि केंद्र और राज्यों के पास 24 लाख के करीब पद रिक्त हैं जिन पर बहाली होनी है.
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में पता चला कि सिर्फ शिक्षकों के ही 10 लाख के करीब पद खाली हैं. इनमें नौ लाख पद प्राथमिक और एक लाख पद सेकेंड्री स्कूल के शिक्षकों के हैं. इसमें केंद्र द्वारा सर्वशिक्षा अभियान के तहत दी जाने वाली नौकरियां तो हैं, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के पास भी इनसे जुड़ी लाखों नौकरियां हैं.
ऐसा ही एक जवाब 27 मार्च को लोकसभा में मिला. इसमें कहा गया कि ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के आंकड़ों के मुताबिक सिविल और डिस्ट्रिक्ट पुलिस सर्विस में 4.4 लाख नौकरियां हैं. इसी का हवाला देकर कहा गया कि स्टेट आर्म्ड पुलिस में भी 90,000 के करीब नौकरियां हैं. कानून व्यवस्था राज्य के हिस्से आता है और इस हिसाब से ये नौकरियां राज्य के हिस्से में हैं.
आपको बता दें कि इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद भारत में लोगों की आबादी और उसके हिसाब से पुलिस बल की संख्या के बीच बड़ी खाई है. पुलिस की जांच और कोर्ट में लोगों की कमी की वजह से देश की कानून व्यवस्था लचर है. लोकसभा में 18 जुलाई को दिए गए एक सावल के जवाब में बताया गया कि कोर्ट में भी 5,800 पद खाली पड़े हैं.
वहीं लोकसभा में मार्च महीने में दिए गए जवाबों से पता चला है कि रक्षा और इससे जुड़े क्षेत्र में 1.2 लाख पद खाली पड़े हैं. वहीं रेलवे में नॉन गैजेट के 2.5 लाख पद खाली पड़े हैं. ये जानकारी दी गई कि रेलवे से जुड़े इन पदों के लिए दो नोटिफिरेशन जारी किए गए जिनमें इनमें से 89,000 पदों को भरने की कोशिश की गई.
ऐसे ही 54,000 पद पोस्टल डिपार्टमेंट में खाली पड़े हैं. हेल्थ से जुड़े 1.5 लाख पद खाली पड़े हैं जिनमें 16,000 तो डॉक्टर और स्पेशलिस्ट के पद जिनके अलावा बाकी के पद अन्य हेल्थ सेवाओं से जुड़े हैं.