Election Conduct Rules: केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी करते हुए चुनावी प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले सीसीटीवी और वेबकास्टिंग फुटेज के साथ-साथ उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग समेत कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए नियमों में बदलाव किया है. इस संशोधन के ज़रिये इन दस्तावेज़ों के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा. केंद्रीय कानून मंत्रालय ने शुक्रवार (20 दिसंबर 2024) को चुनाव आयोग की सिफारिश पर चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 93(2)(a) में संशोधन किया जिससे कि सार्वजनिक निरीक्षण के लिए कागजातों या दस्तावेजों को रोका जा सके. इस संशोधन के बाद चुनाव से संबंधित सभी दस्तावेज अब जनता के लिए उपलब्ध नहीं होंगे. इस संशोधन को लेकर कांग्रेस चुनाव आयोग, पारदर्शिता और इस कानून को 'जल्दबाजी' में संशोधित करने को लेकर सवाल खड़े कर रही है.
कांग्रेस ने पारदर्शिता को लेकर उठाए सवाल
इस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "हाल के दिनों में भारत के चुनाव आयोग की ओर से मैनेज किए जाने वाले चुनावी प्रक्रिया में तेज़ी से कम होती सत्यनिष्ठा से संबंधित हमारे दावों का जो सबसे स्पष्ट प्रमाण सामने आया है, वह यही है. पारदर्शिता और खुलापन भ्रष्टाचार और अनैतिक कार्यों को उजागर करने और उन्हें खत्म करने में सबसे अधिक मददगार होते हैं और जानकारी इस प्रक्रिया में विश्वास बहाल करती है."
कांग्रेस नेता ने लिखा, "पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस तर्क पर सहमति व्यक्त करते हुए चुनाव आयोग को सभी जानकारी साझा करने का निर्देश दिया. ऐसा जनता के साथ करना कानूनी रूप से आवश्यक भी है. लेकिन चुनाव आयोग फैसले का अनुपालन करने के बजाय, जो साझा किया जा सकता है उसकी लिस्ट को कम करने के लिए कानून में संशोधन करने में जल्दबाजी करता है. चुनाव आयोग पारदर्शिता से इतना डरता क्यों है? आयोग के इस कदम को जल्द ही कानूनी चुनौती दी जाएगी."
संशोधन से क्या बदल जाएगा?
लेकिन नए बदलाव में सरकार की ओर से संशोधन के मुताबिक, अब केवल 1961 के चुनाव नियमों के कागजात ही सार्वजनिक निरीक्षण के लिए मौजूद रहेंगे, यानी चुनाव से जुड़े सभी कागजात सार्वजनिक निरीक्षण के हिस्सा नहीं रहेंगे. केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय की ओर से अधिसूचित इस बदलाव के साथ अब जनता सभी चुनाव-संबंधी कागजात का निरीक्षण नहीं कर सकेगी. केवल चुनाव नियमों के संचालन से जुड़े कागजात की पहुंच जनता तक होगी.
नियम में चुनाव पत्रों का ज़िक्र किया गया था. जबकि चुनाव पत्र और दस्तावेज के तहत इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का ज़िक्र नहीं आता. इसी अस्पष्टता को दूर करने और मतदान की गोपनीयता के उल्लंघन और एक व्यक्ति की ओर से AI यानी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके मतदान केंद्र के अंदर सीसीटीवी फुटेज के संभावित दुरुपयोग के गंभीर मुद्दे पर विचार करने के लिए, मतदान केंद्र के अंदर सीसीटीवी फुटेज के दुरुपयोग को रोकने के लिए नियम में ये बदलाव किया गया है.
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