नई दिल्ली: अमेरिकी फार्मास्युटिकल दिग्गज फाइजर और जर्मन बायोटेक फर्म बायोएनटेक के कोविड-19 वैक्सीन के 90 प्रतिशत प्रभावी होने घोषणा के बाद से एक उम्मीद जगी है. लेकिन भारत में इस वैक्सीन के जल्दी उपलब्ध होने की अभी संभावना नहीं है. हालांकि फाइजर और स्वास्थ्य मंत्रालय दोनों ने संकेत दिया है कि वे बातचीत के लिए तैयार हैं.
फाइजर की स्टडी में अमेरिका और पांच अन्य देशों में करीब 40 000 लोगों को शामिल किया गया. लेकिन अब तक वैक्सीन लगने वाले केवल 94 के ही रिजल्ट जारी किये हैं. फाइजर को दो महीने का सेफ्टी फॉलोअप डेटा प्रोवाइड कराना होगा कि वैक्सीन बुजुर्गों और गंभीर रोगियों पर कितना प्रभावी है.
फिलहाल के रिजल्ट्स में इन सब-ग्रुप पर वैक्सीन की इफैक्टिवनेस के बारे में स्ष्ट जानकारी नहीं दी गई है. इसके बाद फाइजर को अमेरिकी रेगुलेटर से इमरजेंसी ऑथोराइजेशन के लिए अप्रूवल लेना होगा. इस पूरी प्रक्रिया में उन्हें नवंबर के तीसरे सप्ताह तक का समय लग सकता है.
50 मिलियन डोज उपलब्ध होने की उम्मीद
2020 में केवल 50 मिलियन डोज उपलब्ध होने की उम्मीद है. ये डोज इस वर्ष के अंत तक अमेरिका, ब्रिटेन और जापान फाइजर के साथ सप्लाई एग्रीमेंट करने वाले जैसे देशों में प्रपोशनल रूप से वितरित किए जाएंगे.
भारत ने अभी तक फाइजर के साथ किसी तरह का एग्रीमेंट साइन नहीं किया है और भारत की रेगुलेटरी रिक्वायरमेंट के अनुसार लॉन्चिंग के लिये अप्रवूल लेने से पहले वैक्सीन के भारत में लोकल ट्रायल करने होंगे.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को इस बात का संकेत दिया है कि भारत, फाइजर के साथ वैक्सीन की उपल्बध को लेकर बातचीत के लिये तैयार है.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कहा, ‘‘कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए एक्सपर्ट ग्रुप घरेलू और विदेशी निर्माताओं समेत सभी वैक्सीन निर्माताओं के साथ बातचीत कर रहा है. ’’
भूषण ने कहा कि, ‘‘जब हम यह बात करेंगे तो उनके वैक्सीन के विकास की स्थिति पर गौर करेंगे. हमें नियामकीय मंजूरी को भी देखना होगा कि कहां पर उन्होंने प्रगति की है. हम इसे रखने के संबंध में रेफ्रिजरेशन की व्यवस्था और वैक्सीन दिए जाने के संबंध में भी बात करेंगे ’’
भारत में वैक्सीन विशेषज्ञों ने इस बात को उठाया है कि वैक्सीन के लिये शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस पर स्टोरेज की आवश्यकता है और भारत में इस तरह के कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है.
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