Rajiv Gauba: कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को मिला एक साल का सेवा विस्तार, सरकार ने नियमों में दी ढील
Cabinet Secretary: राजीव गौबा को सरकार ने 30 अगस्त 2023 से आगे एक साल का विस्तार दिया है. उन्हें 2021 में एक साल का सेवा विस्तार दिया गया था.
Cabinet Secretary Rajiv Gauba: कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा को गुरुवार (3 अगस्त) को एक साल का सेवा विस्तार दिया गया. कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने एआईएस (डीसीआरबी) नियम, 1958 में छूट देते हुए 30.08.2023 से आगे एक वर्ष की अवधि के लिए कैबिनेट सचिव के रूप में सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी है. इस तीसरे विस्तार के पूरा होने के साथ ही वह देश में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले कैबिनेट सचिव बन जाएंगे.
बीडी पांडे कैबिनेट सचिव के पद पर सबसे लंबे समय तक रहे. उनका कार्यकाल दो नवंबर 1972 से 31 मार्च 1977 तक रहा. कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश में यह जानकारी दी गई. पूर्व केंद्रीय गृह सचिव गौबा को 2019 में दो साल के लिए देश के शीर्ष नौकरशाही पद पर नियुक्त किया गया था. उन्हें 2021 में एक साल का सेवा विस्तार दिया गया था और फिर पिछले साल अगस्त में भी सेवा विस्तार दिया गया.
The Appointments Committee of the Cabinet (ACC) has approved extension in service to Rajiv Gauba, lAS (JH:82) as Cabinet Secretary for a further period of one year beyond 30.08.2023, in relaxation of AIS (DCRB) Rules, 1958 and Rule 56(d) of the Fundamental Rules.
— ANI (@ANI) August 3, 2023
(File photo) pic.twitter.com/jRbwFjyAZX
पहले भी हो चुका है सेवा विस्तार
आदेश में कहा गया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति मामलों की समिति (एसीसी) ने 1982 बैच के झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी गौबा को 30 अगस्त 2023 के बाद एक साल के सेवा विस्तार की मंजूरी दी. यह सेवा विस्तार अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958, और मौलिक नियमों के नियम 56(डी) में छूट के साथ दिया गया.
नियम केंद्र सरकार को सार्वजनिक हित में कैबिनेट सचिव को सेवा विस्तार देने की अनुमति देते हैं, बशर्ते कैबिनेट सचिव, जिसे सेवा का ऐसा विस्तार दिया गया है, उसका कुल कार्यकाल चार साल से अधिक नहीं होगा. नवीनतम विस्तार से गौबा को अगले साल की शुरुआत में होने वाले आम चुनाव के दौरान पद पर बने रहने की अनुमति मिल जाएगी.
कौन-कौन से पद संभाले?
गौबा को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 का प्रमुख वास्तुकार माना जाता है, जिसके तहत संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत दिए गए विशेष दर्जे को निरस्त करने के बाद पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था. उन्होंने अन्य जिम्मेदारियों के अलावा केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय में सचिव, गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव का दायित्व भी संभाला था.
पंजाब में जन्मे गौबा ने पटना विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री ली. उन्होंने 2016 में केंद्र सरकार में सेवा देने से पहले 15 महीनों तक झारखंड में मुख्य सचिव का पद संभाला था.