महाराष्ट्र को बांटने की कोशिश कर रही है केंद्र सरकार: शिवसेना
मुंबई: शिवसेना ने कहा कि गठन के करीब छह दशक बाद भी महाराष्ट्र अविकसित है और दावा किया कि केंद्र सरकार राज्य को बांटने की कोशिश कर रही है. पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में कहा, ‘‘एकीकृत महाराष्ट्र के आंदोलन ने पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसे ताकतवर शासक तक को झुकने पर मजबूर कर दिया था. मौजूदा शासन राज्य के विभाजन के विचारों को पर ध्यान देता है. यह 105 शहीदों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.’’
1 मई 1960 को महाराष्ट्र का गठन हुआ था
बंबई राज्य से अपने विभाजन के बाद एक मई, 1960 को महाराष्ट्र का गठन हुआ था. हर साल इस दिन पर ‘संयुक्त महाराष्ट्र’ के लिए अपने प्राण देने वाले 105 शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है.
मुंबई को मराठी भाषी लोगों से छीनने की साजिश हो रही है: शिवसेना
संपादकीय में सवाल किया गया कि जिन उद्देश्यों के लिए मराठी भाषी राज्य का गठन हुआ था, क्या वे हासिल कर लिए गए. इसमें कहा गया, ‘‘क्या महाराष्ट्र के लोगों की आकांक्षाएं पूरी हो गयीं? पिछले कुछ सालों में शासक बदल गए लेकिन किसानों की आत्महत्याएं नहीं रुकीं और उनके शोकसंतप्त परिवारों को कोई सांत्वना नहीं मिली.’’ पार्टी मुखपत्र में दावा किया गया कि मुंबई को मराठी भाषी लोगों के हाथों से छीनने की एक राष्ट्रीय साजिश हो रही है.
नोटबंदी के बाद भी खत्म नहीं हुआ है भ्रष्टाचार: शिवसेना
संपादकीय के अनुसार, ‘‘चुनाव धनबल से जीते जाते हैं और धन ताकत के बल पर आता है. यह पहिया घूमता ही रहता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के कदम के बावजूद भी महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार बना हुआ है. राज्य के मुख्यमंत्री को इसका विश्लेषण करना चाहिए.’’ इसमें कहा गया, ‘‘महाराष्ट्र अब भी अविकसित है. किसान दुखी हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि लोग सत्ता में इस तरह जकड़ गए हैं कि उनके पास लोगों के बारे में सोचने का समय नहीं है.’’