15 राज्य, 96 स्पॉट और 106 गिरफ्तार... NIA के महा सर्च ऑपरेशन के बाद बढ़ी PFI की मुश्किलें, सरकार लगा सकती है बैन
NIA के महा सर्च ऑपरेशन के बाद पीएफआई (PFI) के खेमे में हलचल तेज हो गई है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगा सकती है.
![15 राज्य, 96 स्पॉट और 106 गिरफ्तार... NIA के महा सर्च ऑपरेशन के बाद बढ़ी PFI की मुश्किलें, सरकार लगा सकती है बैन central government may impose ban on PFI after operation of NIA in India 15 राज्य, 96 स्पॉट और 106 गिरफ्तार... NIA के महा सर्च ऑपरेशन के बाद बढ़ी PFI की मुश्किलें, सरकार लगा सकती है बैन](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/09/22/38a756d2df1c0adcd4fc50f1e67083541663845459229224_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
NIA Raid On PFI Update: देश की सबसे बड़ी काउंटर टेररिस्ट एजेंसी एनआईए (NIA) ने 22 सितंबर की आधी रात अब तक का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया. एजेंसी के टारगेट पर थी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI. यह रेड देश के तमाम राज्यों में मारी गई. एनआईए (NIA) को इस एंटी टेरर सर्च ऑपरेशन में भारी कैश, डिजिटल डिवाइस, आपत्तिजनक डाक्यूमेंट्स और तेजधार हथियार बरामद हुए हैं. साथ ही इसमें 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें कई नेता और पीएफआई सदस्य शामिल थे.
NIA के महा सर्च ऑपरेशन के बाद पीएफआई (PFI) के खेमे में हलचल मच गई है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार, स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी की तरह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगा सकती है. इस छापेमारी के दौरान जो कुछ भी सामने आया है उसकी मदद से केंद्रीय गृह मंत्रालय इस संगठन को बैन कर सकता है. इसे लेकर दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह ने एक उच्चस्तरीय बैठक भी की, जिसमें एनएसए डोभाल और एनआईए चीफ समेत तमाम बड़े अधिकारी मौजूद रहे.
पीएफआई (PFI) के खिलाफ देश भर में NIA को 15 राज्यों में एक साथ रेड डालनी पड़ी. टेरर फंडिंग के आरोप में बीते कई घंटों तक PFI के कई ठिकानों पर NIA और ईडी का ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन जारी रहा. इस मेगा रेड में NIA को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. 96 स्पॉट पर छापेमारी कर 106 लोगों की गिरफ्तारी की गई.
किसकी हुई गिरफ्तारी
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में PFI के चेयरमैन ओएमए सलाम, वाइस चेयरमैन ईएम अब्दुल रहीम, नेशनल सेक्रेटरी नजरुद्दीन इलामरम, केरल का स्टेट चीफ सीपी मुहम्मद बशीर, नेशनल काउंसिल मेंबर प्रोफेसर पी कोया और एसडीपीआई का फाउंडिंग प्रेसिडेंट अबु बकर भी शामिल है.
NIA की रडार पर क्यों है PFI
टेरर फंडिंग, टेरर कैंप और टेरर आउटफिट से लोगों को जोड़ने के लिए उकसाना यही वो तीन कारण हैं, जिनकी वजह से पीएफआई पर एक्शन लिया गया. CAA-NRC विवाद हो, गजवा ए हिंद का एजेंडा हो या फिर हिंदू विरोधी कैंपेन हो. पीएफआई का नाम हर उस जगह आया है, जहां देश का अमन चैन बिगड़ा है. यही कारण है कि गृह मंत्रालय भी इस पूरे सर्च ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए है.
क्या है PFI
साल 2007 में तीन मुस्लिम संगठनों को मिलाकर एक नया संगठन बनाया गया था. PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया. ये तीन संगठन थे- नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट इन केरल, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडू की मनिथा नीति पसाराई. महज 15 साल में इस संगठन ने देशभर में इतना उत्पात मचाया कि NIA को 15 राज्यों में एक साथ रेड डालनी पड़ गई. टेरर फंडिंग के आरोप में बीते कई घंटे से PFI के कई ठिकानों पर NIA और ईडी का ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन जारी है. इस मेगा रेड में NIA को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है.
ये भी पढ़ें:
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)