कृषि कानून रद्द करवाने के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून की मांग कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बयान जारी कर कहा है कि बीते दिनों में केंद्र सरकार ने एमएसपी कानून को लेकर प्रस्तावित कमेटी के लिए दो-तीन नाम मांगे हैं. लेकिन मोर्चे ने पहले सरकार से इस समिति के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है और तब तक अपनी तरफ से नाम नहीं देने की बात कही है.
एसकेएम के मुताबिक 22 मार्च को कृषि सचिव ने किसान युद्धवीर सिंह को फोन किया था. इसके जवाब में मोर्चे ने कृषि सचिव संजय अग्रवाल को पत्र भेजा है. एसकेएम ने इस कमेटी के बारे में केंद्र सरकार से पांच सवाल पूछे हैं. मसलन, इस कमिटी में कौन होंगे, यह क्या करेगी और कैसे काम करेगी?
दिल्ली की सीमा पर साल भर चला आंदोलन
साल भर दिल्ली की सीमा पर जारी किसानों के धरने के बाद केंद्र सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिए थे. प्रधानमंत्री ने पिछले साल को गुरु नानक जयंती (19 नवंबर) के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की थी. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार तीन नये कृषि कानून के फायदों को किसानों के एक वर्ग को समझाने में नाकाम रही. धरना समाप्त करवाने के लिए हुए समझौते में सरकार ने दिसंबर में एमएसपी कानून के लिए कमिटी बनाने की बात कही थी.
सरकार ने कहा विधानसभा चुनावों की वजह से देरी हुई
कुछ समय गुजरने के बाद सरकार ने संसद में बयान दिया कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कारण देरी हो रही है. संयुक्त किसान मोर्चा के ताजा बयान से साफ है कि केंद्र सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. देखना होगा कि एमएसपी कानून को लेकर कमिटी कब तक बनती है.
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