Hit And Run Law Protest Again: सड़क दुर्घटना पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार के नए प्रस्तावित कानून हिट एंड रन पर बवाल नहीं थम रहा. फेडरेशन ऑफ कर्नाटक ट्रक ओनर्स एसोसिएशन ने नए हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ 17 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.


फेडरेशन ऑफ कर्नाटक ट्रक ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सी. नवीन रेड्डी ने शनिवार (6 जनवरी) को कहा कि एसोसिएशन के सदस्यों ने नए कानून को लेकर एक बैठक की और 17 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का फैसला किया. रेड्डी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि नए कानून से सबसे ज्यादा मुश्किल ट्रक चालकों को होगी.


किस बात से डरे हुए हैं ट्रक चालक?
नवीन रेड्डी ने यह भी बताया कि कानून के किस हिस्से को लेकर ट्रक चालकों को डर है. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों में दुर्घटनाओं के मामले में जब्त किए गए ट्रकों को रिहा करना और अनावश्यक यातायात भीड़ के आधार पर लगाए गए जुर्माने को कम करना शामिल है. 10 साल की कैद समेत भारी जुर्माना लगाने के नए प्रस्ताव से देशभर के ड्राइवर चिंतित हैं. उन्होंने इन प्रावधानों को खत्म करने की मांग की है.


'केंद्र ने नहीं ली परिवहन बिरादरी से सलाह'
नवीन रेड्डी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने इस कानून के संबंध में ट्रक मालिकों या परिवहन बिरादरी से किसी भी तरह का कोई परामर्श नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि इस पर सरकार ने एकतरफा निर्णय लिया है, जिसके कारण इस तरह की स्थिति पैदा हो गई है. उन्होंने आगे बताया कि केंद्र के इस कदम से ड्राइवरों में डर का माहौल है और वह अपना पेशा जारी रखने में झिझकेंगे.


देशभर में हुआ था विरोध
आपको बता दें कि नए साल से कानून में बदलाव को लेकर देशभर के ट्रक ड्राइवरों ने तीन दिन की हड़ताल बुलाई थी. कुछ दिन पहले भी साल की शुरुआत के साथ केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रक, डंपर और बस ड्राइवर का गुस्सा देखने को मिला. नतीजन केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ जगह-जगह चक्का जाम जैसी स्थिति देखने को मिली. पेट्रोल पंप पर नए साल के शुरूआती दिन काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिली.


हाल ही में केंद्र सरकार ने कई कानून में बदलाव किए हैं. जिसकी वजह से बहुत सारे मामले में सजा और जुर्माने के प्रोविजन बदल दिए गए हैं, जिसमें हिट एंड रन के केस भी शामिल हैं. अब दुर्घटना के बाद पुलिस को सूचना नहीं देने और मौके से फरार होने वाले चालकों को 10 साल की सजा का प्रावधान है, जिसे लेकर विरोध हो रहा है.


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