Exclusive: केंद्र सरकार ने संसद में क्यों नहीं पेश किया Cryptocurrency Bill? जानें
केंद्र सरकार क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) बिल लिस्ट करने के बाद भी सदन में क्यों नहीं लाई इसे लेकर लोगों के मन में बड़ा सवाल उठ रहा है.
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Cryptocurrency Bill: केंद्र सरकार क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) बिल लिस्ट करने के बाद भी संसद में क्यों नहीं लेकर आई इसे लेकर बड़ा सवाल उठ रहा है. ऐसे में लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर सरकार ने ऐसा क्यों किया? तो बता दें कि सरकार क्रिप्टो करेंसी पर बिल लाने से पहले बहुत से स्टेक होल्डर से बातचीत करना चाहती है, पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) इस पर अंतरष्ट्रिया स्तर पर एक सहमति के पक्षधर है, उन्होंने अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) की वर्चुअल शिखर सम्मेलन “डायलोग फ़ोर डेमोक्रेसी” में भी इसका ज़िक्र किया था, पीएम मोदी ने कहा था, ''सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी जैसी उभरती टेक्नॉलजीस के लिए हमें संयुक्त रूप से वैश्विक मानदंडों को आकार देना चाहिए, ताकि उनका इस्तेमाल लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए किया जा सके, न कि कमजोर करने के लिए.''
अब बात करते हैं कि पिछले एक महीने में क्रिप्टो करेंसी पर सरकार संसद में बिल लाने के बजाय इसे टाल क्यों गयी. दरअसल, अभी तक क्रिप्टो करेंसी पर नए बिल का ड्राफ़्ट पूरी तरह से तैयार नहीं है, लेकिन इतना तय है कि सरकार सभी प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी को रोकने का प्रावधान करने जा रही है.
सरकार क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट करने पर गंभीरता से विचार कर रही है. सरकार के एक बड़े मंत्री ने ABP न्यूज़ को बताया, ''करेंसी देश का सार्वभौमिक अधिकार है इसे सरकार ही रेगुलेट करेगी.'' इसके लिए एक रेग्युलटरी अथॉरिटी बनाने पर भी विचार चल रहा है. विशेषज्ञों से राय मशविरा लगातार चल रहा है'' सरकार की दिलचस्पी, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी ‘सीबीडीसी’ लॉन्च करने में है, सूत्रों ने बताया कि सरकार इस बारे में जानकारी जुटा रही है कि बाकी देश कैसे क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने की योजना बना रहे हैं.
सरकार किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले चाहती है कि किसी ऐसे फ़ॉर्मूले पर पहुंचा जाए कि निवेशकों का भी नुक़सान ना हो. एक अनुमान के मुताबिक़ भारत में 10 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश किया है. एक रिपोर्ट से पता चला है कि इस साल क्रिप्टो सेक्टर से संबंधित कंपनियों ने वेंचर कैपिटल फर्मों से इन्वेस्टमेंट और फंडिंग के जरिए 30 बिलियन डॉलर यानी लगभग 2,27,617 करोड़ रुपये जुटाए हैं. जो अब तक का सबसे बड़ा कलेक्शन है.
सरकार के भीतर बैठे एक बड़े अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान क्रिप्टो करेंसी पर बहुत लोगों ने घर बैठे पैसा लगाया है सरकार के किसी भी कदम से लाखों- करोड़ो नागरिक प्रभावित होंगे. भारत के फ़ैसले के विश्वव्यापी प्रभाव भी होंगे. वे प्रभाव जो भी हो लेकिन देश के नागरिकों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है.
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