नई दिल्ली: देश में दो औद्योगिक यूनिटों में गैस रिसाव की घटना के बाद केंद्र सरकार ने गाइडलाइन्स जारी की है कि किस तरह से लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक कारखाने शुरू किए जाएं. साथ ही स्थानीय प्रशासन को सख्त हिदायत दी गई है कि जो दिशा निर्देश दिए गए हैं उन का सख्ती से पालन कराया जाए.


विशाखापट्टनम हादसे के बाद इन गाइडलाइन्स को नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की ओर जारी किया गया है. इस हादसे के तुरंत बाद पीएम मोदी ने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के साथ बैठक की थी और ऐसी घटनाओं के खतरे से बचने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए थे.


केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से लिखा गया पत्र


केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य सचिव की ओर से लिखे गए पत्र में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को कहा गया है कि ऐसी औद्योगिक इकाइयां जहां गैस रिसाव केमिकल लीक या फिर अन्य तरीके का खतरा है उन इलाकों का स्थानीय प्रशासन ऑनसाइट डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार रखें.


निवेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ऐसा नहीं होना चाहिए की औद्योगिक इकाई शुरू होने के साथ ही उत्पादन शुरू करने की प्रक्रिया में चला चली जाए. बल्कि ऐसी औद्योगिक इकाइयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इनके शुरू होने के बाद पहला हफ्ता सिर्फ ट्रायल के लिए होगा.


कोरोना संक्रमण के खतरे का भी विशेष तौर पर ध्यान रखने को कहा गया


इन दिशानिर्देशों में कोरोना संक्रमण के खतरे का भी विशेष तौर पर ध्यान रखने को कहा गया है स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया गया है कि कोरोना वायरस खतरे के मद्देनजर सारे एहतियात का पालन किया जाए. स्टाफ को सही तरीके से ट्रेनिंग दी जाए कोरोना वायरस खतरे के मद्देनजर जितने भी पास के प्रोटोकॉल हैं उनका पालन किया जाना चाहिए.


जरूरत पड़ने पर इन इकाइयों को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि तुरंत किसी भी कर्मचारी का कोविड-19 टेस्ट हो सके और तुरंत उसे क्वॉरंटाइन किया जा सके. कर्मचारियों के साथ-साथ प्रोडक्ट सैनिटाइजेशन और इकाइयों के सैनिटाइजेशन की पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए.


दिशानिर्देशों में यह भी बताया गया है कि कि औद्योगिक इकाई को शुरू करने के पहले क्या-क्या एवं सावधानियां बरती जानी चाहिए इसके तहत रॉ मटेरियल का स्टोरेज पुख्ता तरीके से होना चाहिए. बचाव का केमिकल उनके पास मौजूद रहना चाहिए. लॉकडाउन के दौरान रखे गए स्टोरेज मटेरियल की सही तरीके से जांच की जानी चाहिए. इकाई को शुरू करने से पहले हर इकाई का सेफ्टी ऑडिट होना चाहिए. सारे उपकरणों और मशीनों की सर्विस होनी चाहिए.


ऑपरेशन शुरू करने से पहले किसान निर्देशों में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि इन इकाइयों को अपना एक प्लान स्थानीय प्रशासन को भी देना होगा जिससे स्थानीय प्रशासन हर समय यह सुनिश्चित कर सके कि केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जो दिशा निर्देश दिए गए हैं उनका पालन किया जा रहा है अथवा नहीं. साथ ही स्थानीय प्रशासन को भी सख्त ताकीद की गई है कि इन दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन कराया जाए.


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