नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने संसद में कहा है कि धर्मांतरण या अंतरधार्मिक विवाह पर बैन लगाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी कानून (लव जिहाद कानून) का कोई प्लान नहीं है. केंद्र ने कहा कि यह राज्यों का विषय है. दरअसल, बाजेपी शासित कई राज्यों में इस तरह के कानून बनाए गए हैं.


केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को कहा, "संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार लोक व्यवस्था और पुलिस राज्यों के विषय हैं. इसलिए धर्मांतरण से संबंधित अपराधों की रोकथाम, पहचान, रजिस्ट्रेशन, जांच आदि राज्य प्रशासन से संबंधित हैं. कानून का उल्लंघन होने पर एजेंसियों की ओर से मौजूदा कानूनों के अनुसार कार्रवाई की जाती है. "


केरल के सांसदों ने कानून बनाने पर पूछा था सवाल
मंत्री रेड्डी ने बयान केरल के पांच कांग्रेस सांसदों के सवाल के जवाब में दिया. इन सांसदों ने पूछा था कि क्या सरकार का मानना है कि अंतरधार्मिक विवाहों के कारण जबरन धर्मांतरण हो रहा है और इसे रोकने के लिए कोई कानून बनाने का प्लान है तो उसकी जानकारी उपलब्ध करवाएं.


बीजेपी शासित कई राज्य ऐसा कानून लाने की कर चुके हैं घोषणा
गौरतलब है कि बीजेपी शासित राज्य उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश कथित लव जिहाद को रोकने के लिए धर्मांतरण रोधी कानून ला चुके हैं. इनकी काफी आलोचना भी हुई. इसके बाद ही संसद में यह सवाल सांसदों ने उठाया. वहीं, बीजेपी की सरकारों वाले हरियाणा, असम और कर्नाटक जैसे राज्यों ने भी इस तरह का कानून लाने की घोषणा की है.


देश के प्रमुख ज्यूरिस्ट और मानवाधिकार एक्सपर्ट्स ने अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न की आशंका जताते हुए इन कानूनों की आलोचना की है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के कानूनों की संवैधानिक वैधता जांचने पर सहमति दी थी.

यह भी पढ़ें


पॉप स्टार रिहाना के बाद ग्रेटा थनबर्ग का भी किसानों को समर्थन, अबतक इन ग्लोबल सेलिब्रिटीज ने उठाई आवाज़


Coronavirus India: देश में कल संक्रमण से हुई 110 लोगों की मौत, अबतक 41 लाख लोगों को लगी वैक्सीन