नई दिल्लीः पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार का कर संग्रह पिछले छह साल में 300 प्रतिशत से अधिक हो गया. सरकार ने सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि केंद्र सरकार ने मोदी सरकार के आने के पहले साल में 2014-15 के दौरान पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क से 29,279 करोड़ रुपये और डीजल पर उत्पाद शुल्क से 42,881 करोड़ रुपये अर्जित किए.


बढ़ा कर संग्रह
अनुराग ठाकुर ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 10 महीने के दौरान पेट्रोल और डीजल पर कर संग्रह बढ़कर 2.94 लाख करोड़ रुपये हो गया. वहीं बात करें पेट्रोल और डीजल के दामों की तो फरवरी के महीने में तेजी से हर दिन बढ़ रहे इनके दामों में मार्च के महीने में कोई बढ़ोत्तरी नहीं देखी गई है.


फरवरी में जहां पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे थे वहीं मार्च के महीने में बीते 23 दिनों से कोई उछाल नहीं देखा गया है. फिलहाल देश की राजधानी दिल्ली में डीजल 81.47 रुपये प्रति लीटर तो पेट्रोल का दाम 91.17 रुपये प्रति लीटर पर बना हुआ है. इसके अलावा देश के चार महानगरों में शुमार मुंबई में भी पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं देखी गई है. यहां पर डीजल 88.60 रुपये प्रति लीटर तो पेट्रोल का दाम 97.57 रुपये प्रति लीटर पर बना हुआ है. वहीं कोलकाता में डीजल 84.35 रुपये प्रति लीटर तो पेट्रोल का दाम 91.35 रुपये प्रति लीटर पर मिल रहा है. बात करें अगर चेन्नई की तो यहां पर डीजल 86.45 रुपये प्रति लीटर तो पेट्रोल का दाम 93.11 रुपये प्रति लीटर पर मिल रहा है.


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