West Bengal News: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में मिड-डे मील को लेकर सरकार की टेंशन बढ़ती जा रही है. हाल ही में खाने में सांप निकलने के बाद, अब केंद्र ने भी राज्य सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में मिड डे मील योजना की जांच को लेकर समीक्षा के लिए एक टीम भेजेगी. केंद्र ने राज्य सरकार पर फंड में बड़े पैमाने पर कथित हेराफेरी का आरोप लगाया है. 


5 जनवरी को विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Shubhendu Adhikari) ने भारत सरकार के सामने एक याचिका रखी थी. इसे ध्यान में रखते हुए विभाग ने एक संयुक्त समीक्षा मिशन JRM लागू किया है. इस मिशन में सभी विशेषज्ञ और पोषण विशेषज्ञ शामिल होंगे. वहीं, राज्य सरकार ने ऐसे किसी भी संयुक्त समीक्षा मिशन (जेआरएम) की यात्रा पर आपत्ति जताई है. 


फंड में हेराफेरी का आरोप


उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय अधिकारी, राज्य के अधिकारी और राज्य के विशेषज्ञ प्रस्तावित टीम का हिस्सा होंगे. प्रधान को लिखे पत्र में अधिकारी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मिड डे मील के फंड में बड़े पैमाने पर कथित हेराफेरी की जांच के लिए एक केंद्रीय ऑडिट टीम भेजने की मांग की थी. शिक्षा मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, जेआरएम की टीम पश्चिम बंगाल का दौरा करेगी और कुछ प्रमुख क्षेत्रों की समीक्षा करेगी. 


मिड-डे मील के लिए 371 करोड़ रुपये 


हाल ही में पश्चिम बंगाल सरकार ने जनवरी से शुरू होने वाले चार महीनों के लिए मिड-डे मील में चिकन और मौसमी फल परोसने का फैसला किया था. इसे शुरू करने के लिए 371 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार पीएम पोषण के तहत अतिरिक्त पोषण के लिए चिकन और मौसमी फलों को चार महीने तक एक बार साप्ताहिक रूप से परोसा जाएगा. 


पंचायत चुनाव जीतने की जंग 


धर्मेंद्र प्रधान ने ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार के कारण शिक्षा नीति ठीक से काम नहीं कर रही है, लोगों को जागरूक करने की जरूरत है ताकि वे अगले चुनाव में बेहतर सरकार को चुन सकें. राज्य में सभी पार्टियां इस साल की शुरुआत में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर तैयारी कर रही हैं. यह चुनाव इसलिए जरूरी है क्योंकि इसे 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए एक परीक्षा की तरह देखा जा रहा है. 


ये भी पढ़ें: 


EXCLUSIVE: सांसद-विधायक तोड़ने से पार्टी खत्म नहीं होती- शिवसेना के दो फाड़ होने पर बोले संजय राउत