श्रीनगर: जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद अब यहां 73वें और 74वें संविधान संशोधन के प्रावधान लागू होंगे. यह जम्मू कश्मीर में स्थानीय प्रशासन और पंचायती राज संस्थानों को सशक्त बनाएगा. यह जानकारी गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने जम्मू कश्मीर से मिलने आये प्रतिनिधिमंडल को दी.


जम्मू कश्मीर के इस प्रतिनिधिमंडल में सरपंच, मौलवी, जेएंडके प्रोग्रेसिव पीपुल्स फ्रंट, पहाड़ी यूथ्स एसोसिएशन, जेएंडके पीस फाउंडेशन, ऑल जेएंडके स्टेट पसमांदा सबका डेवलपमेंट वेलफेयर सोसाइटी, अनंतनाग, बारामूला, कुलगाम के ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के प्रतिनिधि शामिल थे. चर्चा के दौरान गृह राज्यमंत्री ने आर्टिकल 370 के निरस्त होने के बाद राज्य की जनता को हिंसा की किसी भी घटना से बचाने के लिए जम्मू कश्मीर सरकार के प्रतिनिधियों को जेएंडके के कदमों को समझाया.


जम्मू कश्मीर के लोगों को मिलेगी समान सुविधाएं 


उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के निर्णय से देश के बाकी हिस्सों में लोगों को समान अधिकार, समान विशेषाधिकार और समान सुविधाएं मिलेंगी. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों को अब केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिल सकेगा. गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि मोदी सरकार के इस निर्णय से अब शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन में यहां तेजी से निजी निवेश होगा जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और राज्य में आर्थिक समृद्धि आएगी. गृह राज्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को आश्वस्त किया कि किसी की जमीन नहीं ली जाएगी और सरकार अपनी जमीन का उपयोग अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों की स्थापना के लिए करेगी.


पर्यटन में निवेश से अधिक रोजगार पैदा होंगे- गृह राज्यमंत्री


गृह राज्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य के लोगों के पास प्रगतिशील और समतावादी कानूनों की पहुंच हुई है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग अब सूचना का अधिकार अधिनियम का इस्तेमाल कर सार्वजनिक जानकारी हासिल कर पाएंगे. मंत्री ने साथ ही कहा कि अब राज्य की पर्यटन क्षमता को पूरी तरह से महसूस किया जाएगा और पर्यटन के बुनियादी ढांचे और होटलों में निवेश से अधिक रोजगार पैदा होंगे.


मंत्री ने प्रतिनिधियों से विकास योजनाओं की पहुंच सभी तक सुनिश्चित करने की अपील की. प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने भी गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी को कुछ विकास योजनाओं पर जम्मू कश्मीर में अविलंब काम शुरू करने की अपील की.


यह भी पढ़ें-


आरसीईपी से बाहर रहेगा भारत, घरेलू बाजार बचाने की खातिर पीएम ने लिया बड़ा फैसला


दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक हुई सियासी हलचल, 11 दिनों बाद भी सरकार पर सस्पेंस बरकरार