केंद्र सरकार लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम उम्र निर्धारण करने पर विचार कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से दिए भाषण में इसका संकेत दिया है.


लड़कियों की शादी का सही उम्र तय करने के लिए म​हिला एवं बाल कल्याण विकास मंत्रालय ने एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद माना जा रहा है कि लड़कियों की शादी की उम्र तीन साल और बढ़ाई जा सकती है. वर्तमान में 18 साल की उम्र में लड़कियों को शादी करने की कानूनी इजाजत मिली हुई है.


लड़कियों की शादी की उम्र सही क्या हो?


माना जा रहा है कि शादी की उम्र बढ़ाने से मातृ मृत्यु दर में कमी आएगी. साथ ही मां और शिशु को बेहतर पोषण उपलब्ध कराए जाने में भी मदद मिलेगी. जानकारों का कहना है सरकार के फैसले के पीछे सुप्रीम कोर्ट का 2017 में आया एक आदेश भी हो सकता है. जिसमें शादी के लिए न्यूनतम उम्र पर फैसला लेने का काम सरकार पर छोड़ दिया गया था.


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सत्र में महिला उत्थान के बारे में इसका जिक्र किया था. यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 27 फीसद लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र में जबकि 15 साल की उम्र में 7 फीसद लड़कियों की शादी हो रही है. जिसके चलते लड़कियों को कम में उम्र में मां बनना पड़ रहा है. साथ ही प्रसव के दौरान मौत की घटना भी सामने आ रही है.


सरकार 21 साल करने पर कर रही विचार


रिपोर्ट में लड़कियों का कम उम्र में शादी करना मातृ मृत्यु का एक बड़ा कारण माना गया है. फिलहाल केंद्र सरकार की मंशा जन्म के समय होनेवाली मौत के आंकड़ों को और कम करने का है. यूनाइटेड नेशन्स पापुलेशन फंड के मुताबिक साल 2010 में महिलाओं के लिए 158 देशों में शादी की न्यूनतम उम्र की सीमा 18 साल थी.


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