Delhi High Court: केंद्र सरकार (Central Government) ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) को अवगत कराया कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट (Social Media Platforms Regulations) करने के लिए रूपरेश पेश करेगी. इसमें उनके द्वारा यूजर्स को प्लेटफॉर्म से हटाना भी शामिल है. केंद्र ने कहा कि रूपरेखा प्रस्तावित है, इसलिए सोशल मीडिया अकाउंट के निलंबन के मौजूदा मामलों को मौजूदा नि यमों के अनुसार ही तय करना होगा.


केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता कीर्तिमान सिंह ने पीठ से कहा, "हमने आपके अंतिम आदेश के संदर्भ में विचार किया है. संशोधन कब होगा हम नहीं जानते. यह प्रस्तावित है और इन मामलों को शायद मौजूदा योजना के अनुसार तय करना होगा." 


19 दिसंबर तक टाल दी गई सुनवाई


केंद्र को बाद के घटनाक्रमों से अवगत कराने के लिए और समय देते हुए अदालत ने याचिकाओं की सुनवाई 19 दिसंबर तक के लिए टाल दी और कहा, "आप (केंद्र) जिस नियामक अधिकारों को लागू करने का प्रस्ताव रखते हैं, उसके बारे में हम भी जानना चाहेंगे कि हमारे अधिकार क्षेत्र क्या होंगे."


अदालत ने सवाल उठाया कि मौजूदा शिकायतों और खाता हटाने को प्रस्तावित रूपरेखा के संदर्भ में क्यों नहीं निपटाया जाएगा. अदालत ने कहा कि वह अपने सामने के मामलों पर किसी भी नई व्यवस्था के प्रभाव को समझना चाहती है.


अदालत ने केंद्र से किया सवाल


अदालत ने कहा कि फैसला सुनाने से पहले, हम यह भी समझना चाहते हैं कि क्या कोई नियामक तंत्र है जिसे वे लागू करने का प्रस्ताव कर रहे हैं और क्या इसका इस बैच पर कोई प्रभाव पड़ेगा. बता दें कि पिछले महीने अदालत ने केंद्र से पूछा था कि क्या वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से संबंधित किसी नियामक उपायों के मसौदे पर विचार कर रहा है.


केंद्र को समय देने के बाद अदालत ने 19 दिसंबर, 2022 को मामलों को सूचीबद्ध किया. अदालत ने कहा, "यदि आप जिस नियामक शक्ति को लागू करने का प्रस्ताव रखते हैं, उसका दायरा ज्ञात है, तो हम जानेंगे कि हमारे अधिकार क्षेत्र की रूपरेखा क्या है."


इन याचिकाओं पर हो रही है सुनवाई


आपको बता दें कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ट्विटर यूजर्स सहित कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के यूजर्स के अकाउंट्स के निलंबन के खिलाफ विभिन्न याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई कर रहे थे. इनमें से एक याचिका वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने अपने ट्विटर अकाउंट को निलंबित करने के खिलाफ दायर की थी.


केंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को लेकर कही अहम बात


एक याचिका में, केंद्र ने एक हलफनामा भी दायर किया है जिसमें कहा गया है कि किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता को सोशल मीडिया और तकनीकी प्रगति के फिसलन में नहीं छोड़ा जा सकता है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नागरिकों के मौलिक अधिकारों का सम्मान करना चाहिए और इसके अनुरूप होना चाहिए.


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