नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिक कोविड-19 मरीजों वाले हॉटस्पॉट राज्यों में अपनी विशेष टीमें भेजने का फैसला किया है. बिहार, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश जैसे देश के 9 सूबों में 10 टीमें भेजी जा रही हैं, जो कोरोना रोकथाम रणीनीति पर मदद करेंगी.


स्वास्थ्य मंत्रालय प्रवक्ता लव अग्रवाल के मुताबिक 9 राज्यों में भेजी जा रही टीमें, मल्टी डिसिप्लिनरी हैं. इनका काम अस्पताल प्रबंधन, वेंटिलेटर प्रबंधन और रोकथाम रणीनीति पर राज्यों की मदद करने का होगा.


महत्वपूर्ण है कि स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना मामलों को घेरने और समेटने की रणीनीति पर काम कर रहा है. साथ ही ज़मीनी स्तर पर ही इसकी रोकथाम व प्रबंधन पर ज़ोर है. इस कड़ी में देश के सभी जिलों को अपने यहां एक कोविड-19 नियंत्रण प्लान बनाने को कहा गया है.


देश की कोविड रणनीति से जुड़े सरकारी सूत्रों के मुताबिक 80-15-5 के फार्मूले के आधार पर अब ज़मीनी स्तर पर योजना का क्रियान्वयन हो रहा है. यानी 80 फीसद मामले चूंकि बेहद कम लक्षण वाले होते हैं, इसलिए उन्हें बड़े अस्पतालों में लाने की बजाय उनकी देखभाल कोविड केयर सेंटर में किया जाए. वहीं अधिक गंभीर 15 फीसद मामलों का प्रबंधन अस्पतालों में किया जाए. आवश्यकता पड़ने पर निर्धारित कोविड अस्पताल और आईसीयू सुविधाओं को उन 5 फीड मरीजों के लिए रखा जाय, जिनकी स्थिति बेहद गम्भीर हो. इससे स्वास्थ्य सुविधाओं का बेहतर संयोजन सम्भव होगा.


इसके अलावा अधिक कोविड मामलों वाले इलाकों में डोर टू डोर सर्वेक्षण भी शुरू किया जा रहा है. इसमें सभी को घर घर जाकर स्वास्थ्य पड़ताल और अधिक टेस्ट की रणीनीति शामिल है.


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