नई दिल्ली: जीएसटी कलेक्शन में से रही गिरावट से परेशान केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के जीएसटी कमिश्नरों को पत्र लिखकर जीएसटी रेवेन्यू बढ़ाने को लेकर राज्यों से सुझाव मांगे हैं. राज्यों के जीएसटी अधिकारियों से 6 दिसंबर तक सुझाव देने को कहा गया है.
माना जा रहा कि जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में जीएसटी दरों की समीक्षा की जा सकती है. इसके तहत जीएसटी के दायरे से बाहर फिलहाल जो उत्पाद हैं उनको जीएसटी के दायरे में लाने पर फैसला लिया जा सकता है. जीएसटी वसूली बढ़ाने और टैक्स चोरी रोकने से जुड़े कदमों पर भी विचार होगा. बैठक में राज्यों द्वारा जीएसटी रेवेन्यू बढ़ाने को लेकर दिए जाने वाले सुझावों पर भी बात की जाएगी.
अब तक सामने आए आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वितीय वर्ष में अप्रैल के बाद नवंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन सबसे अच्छा रहा है. नवंबर महीने में ये 1 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर कुल 1,03,492 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. इसकी सबसे बड़ी वजह त्योहारों और शादियों का सीजन माना जा रहा है. लेकिन इससे पहले के 2 महीनों यानि कि अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन 95,380 करोड़ रुपए रहा था. तो सितम्बर महीने में 91,916 करोड़ रुपये रहा था. आंकड़ों के लिहाज से इस वित्तीय वर्ष का सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन अप्रैल महीने में रहा था. जब ये रकम 1,13,865 करोड़ रुपये तक जा पहुंची थी.
इन राज्यों से इतना करोड़ रुपये बकाया-
हाल ही में जीएसटी राजस्व बढ़ाने को लेकर बनी राज्यों के एम्पावर्ड कमेटी की बैठक भी हो चुकी है. जिसमें पंजाब, दिल्ली, राजस्थान केरल और पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री शामिल हुए थे. बैठक में कंपनसेशन के भुगतान में हो रही देरी पर चर्चा हुई थी और केंद्र सरकार से राज्यों का जीएसटी कंपनसेशन के बकाए के जल्द भुगतान करने की मांग की गई थी. एक आंकड़े के मुताबिक अक्टूबर महीने तक का पश्चिम बंगाल का जीएसटी कंपनसेशन का 1500 करोड़ रुपया, पंजाब का 2100 करोड़ रुपया, केरल का 1600 करोड़ रुपया और दिल्ली का 2355 करोड़ रुपये जीएसटी कंपनसेशन बकाया है.
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