Measles In India: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की खसरे पर आई रिपोर्ट ने दुनिया के कई देशों को चिंता में डाल दिया है. भारत में भी खसरे के संक्रमण में तेजी देखी जा रही है. केंद्र सरकार ने अब इस पर एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. झारखंड, गुजरात और केरल में तीन टीमों को भेजा गया है. इन तीन राज्यों में खसरे के संक्रमण में वृद्धि दर्ज की जा रही है. 


खसरा एक अत्यधिक संक्रामक वायरल संक्रमण है जो छोटे बच्चों को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है, लेकिन आमतौर पर बड़े पैमाने पर टीकाकरण के कारण इसे जांच के दायरे में रखा जाता है. हालांकि, पिछले कुछ सालों में महामारी के कारण इसके टीकाकरण कवरेज में गिरावट आई है.


मुंबई में खसरे का टीका नहीं लगवाने वाले बच्चों की मौत


महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में खसरे का टीका नहीं लगवाने वाले 12 बच्चों की मौत खबर है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में मुंबई में प्रकोप की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक केंद्रीय टीम को तैनात किया था और उन्होंने पिछले सप्ताह अपनी रिपोर्ट सौंपी. मुंबई में अबतक कुल मिलाकर 233 मामले दर्ज किए गए हैं.


झारखंड, गुजरात और केरल भेजी गई नई टीमों में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र नई दिल्ली, राम मनोहर लोहिया अस्पताल नई दिल्ली, कलावती सरन चिल्ड्रेन हॉस्पिटल नई दिल्ली, जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ इंस्टीट्यूट के तीन-तीन विशेषज्ञ शामिल हैं. हालांकि, अभी तक इस बात की जानकारी सामने नहीं आई है कि झारखंड और गुजरात में कितने मामले सामने आए हैं. उधर, दक्षिणी राज्य केरल के मल्लपुरम जिले में दो सप्ताह में 82 मामले रिपोर्ट किए गए.


'कोरोना के कारण प्रभावित हुआ टीकाकरण'


एक अधिकारी ने कहा कि महामारी टीकाकरण की कमी का कारण थी. एक और अधिकारी ने कहा, "महामारी के कारण टीकाकरण कार्यक्रम शुरू में प्रभावित हुआ था, लेकिन चीजें लगभग तुरंत पटरी पर आ गईं." बता दें कि भारत ने देश से खसरे के उन्मूलन के लिए 2023 का टारगेट रखा है. खसरा भारत में 5 साल से कम आयु के मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक हुआ करता था, लेकिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मृत्यु दर में काफी गिरावट आई है.


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को 'प्रकोप प्रतिक्रिया प्रतिरक्षण मोड' के तहत प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों को अतिरिक्त खसरे के टीके लगाने की सलाह दी है. बयान में कहा गया है, "यह खुराक 9-12 महीनों में पहली खुराक के प्राथमिक टीकाकरण कार्यक्रम और 16-24 महीनों में दूसरी खुराक के अतिरिक्त होगी."


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