UPSC News: केंद्र सरकार ने बुधवार (28 अगस्त) को यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) को एग्जाम देने आने वाले उम्मीदवारों का आधार ऑथेंटिकेशन करने की इजाजत दी है. आसान भाषा में कहें तो यूपीएससी अब परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों का आधार वेरिफाई करेगी, ताकि ये जाना जा सके कि जो परीक्षार्थी पेपर देने आया है, वह फर्जी शख्स ना हो. आधार वेरिफिकेशन का नियम यूपीएससी द्वारा करवाए जाने वाले सिविल सेवा परीक्षा सहित 14 परीक्षाओं पर लागू होगा.  


दरअसल, पिछले महीने यूपीएससी ने एक टेंडर निकाला था, जिसमें आधार के जरिए ऑथेंटिकेशन करने, उम्मीदवार का चेहरा पहचानने की टेक्नोलॉजी का यूज करने, ई-एडमिट कार्ड्स का क्यूआर कोड स्कैन करने और एआई आधारित लाइव सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों से बोली मांगी गई थी. सरकार की तरफ से ये कदम तब उठाया गया है, जब आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर को लेकर विवाद खड़ा हुआ है. उन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट्स के जरिए 2022 सिविल सर्विस एग्जाम दिया था. 


किस तरह किया जाएगा UPSC उम्मीदवारों का वेरिफिकेशन?


कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने बुधवार को कहा, "कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, केंद्र सरकार के जरिए मंजूरी मिलने के बाद सूचित करता है कि यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) को 'वन टाइम रजिस्ट्रेशन' पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के समय उम्मीदवारों की पहचान वेरिफाई करने के लिए आधार वेरिफिकेशन की इजाजत देता है. हां/नहीं या फिर ई-केवाईसी ऑथेंटिकेशन फैसिलिटी के जरिए एग्जाम के सभी लेवल पर वेरिफिकेशन होगा."


सरकार की तरफ से निकाले गए टेंडर में कहा गया है, "इन उद्देश्यों को पूरा करने की अपनी कोशिश में यूपीएससी का मकसद उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक डिटेल्स का मिलान एवं क्रॉस-चेक करना और परीक्षा के दौरान नकल, फर्जीवाड़ा, गलत तरीके से पेपर देने और फर्जी लोगों को एग्जाम में बैठाने जैसी हरकतों को रोकने के लिए लेटेस्ट डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना है."


यह भी पढ़ें: 'UPSC के पास मेरे खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति नहीं', HC में बोलीं पूर्व IAS पूजा खेडकर