नई दिल्ली: तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि यह धर्म से जुड़ा विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि इस सामाजिक बुराई के संदर्भ में कानून बनाने के विषय पर केंद्र सरकार सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करेगी.


नकवी ने कहा, ‘‘ तीन तलाक धर्म से जुड़ा मुद्दा नहीं है. यह सामाजिक सुधार से जुड़ा विषय है. केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कानून बनाने के संदर्भ में सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करेगी.’’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एक ऐसी सरकार है जो सुधारों को आगे बढ़ाने वाली है. मोदी सरकार शुरुआत से ही इस सामाजिक बुराई के खिलाफ रही है.


तीन तलाक खत्म होने पर बोले पीएम मोदी- ये महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम


नकवी ने कहा कि पहले सती प्रथा, बाल विवाह जैसे विषयों पर सुधार लागू किये गए हैं. उन्होंने कहा कि हमें अड़ियल रवैया नहीं अपनाना चाहिए. हमें सामाजिक बुराई के संदर्भ में सुधारवादी पहल को अपनाना चाहिए. अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार हमेशा से जेंडर इक्वलिटी (लैंगिक समानता) की पक्षधर रही है. पिछले दो सालों में तीन तलाक के मुद्दे पर सार्वजनिक चर्चा चल रही थी.


तीन तलाक: SC के फैसले का आदित्यनाथ ने किया स्वागत, कहा- सर्वसम्मति होती तो और बेहतर होता


गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बहुमत के फैसले में मुस्लिम समाज में एक बार में तीन बार तलाक देने की प्रथा को खत्म करते हुए अपनी व्यवस्था में इसे असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिया. कोर्ट ने कहा कि तीन तलाक की यह प्रथा कुरान के मूल सिद्धांत के खिलाफ है.


तीन तलाक असंवैधानिक, जानें सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की 5 बड़ी बातें


चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने 365 पेज के फैसले में कहा, ‘‘3:2 के बहुमत से दर्ज की गयी अलग अलग राय के मद्देनजर ‘‘तलाक-ए-बिद्दत’’ तीन तलाक को निरस्त किया जाता है.’’ चीफ जस्टिस खेहर और जस्टिस  नजीर ने अल्पमत के फैसले में तीन तलाक की प्रथा को छह महीने स्थगित रखने की हिमायत करते हुए राजनीतिक दलों से कहा कि वे अपने मतभेद परे रखते हुये केन्द्र को इस संबंध में कानून बनाने में सहयोग करें.