मंकीपॉक्स की भारत में एंट्री के बाद एक्शन में स्वास्थ्य मंत्रालय, सभी राज्यों को जारी की एडवाइजरी, पढ़ें निर्देश
Monkeypox Latest News: देश में मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मरीज रविवार (8 सितंबर) को मिला था. फिलहाल उसे अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है. अफसरों का कहना है कि उसकी हालत ठीक है.
Health Ministry Issue Advisory for Monkeypox: भारत में मंकीपॉक्स के एक संदिग्ध मरीज के मिलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक्शन में आ गया है. मंत्रालय ने सोमवार (9 सितंबर 2024) को इस बाबत सभी राज्यों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. इसके तहत संदिग्धों की जांच करने, उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने को कहा गया है.
दरअसल, रविवार (8 सितंबर) को भारत में मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मरीज मिला था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर बताया था कि विदेश से भारत लौटे एक व्यक्ति में एमपॉक्स (MonkeyPox) के लक्षण मिले हैं. फिलहाल उसे अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है. अफसरों का कहना है कि उसकी हालत ठीक है, सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है. प्रोटोकॉल के तहत व्यक्ति के संपर्क में आए सभी लोगों की ट्रेसिंग कराई जा रही है.
क्या है एडवाइजरी में?
स्वास्थ्य विभाग ने अपनी एडवाइजरी में उन लैब की सूची भी जारी की है, जहां इसके संदिग्ध मरीजों का टेस्ट कराया जा सकता है. क्लीनिक मैनेजमेंट प्रोटोकॉल और संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए अन्य बातें भी इसमें हैं. ये हैं कुछ प्रमुख पॉइंट:
- राज्य और जिला स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं के वरिष्ठ अधिकारी सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा करेंगे.
- संदिग्ध और कन्फर्म दोनों मामलों की देखभाल के लिए अस्पतालों में आइसोलेशन सुविधाओं की व्यवस्था होनी चाहिए. इसके अलावा इस स्पेशल अरेंजमेंट में मानव कर्मचारियों की उपलब्धता भी सुनिश्चित हो.
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने इफेक्टिव कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए इंटीग्रेटेड (एकीकृत) डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) के तहत डिजिज सर्विलांस यूनिट को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया है.
- राज्यों को स्वास्थ्य कर्मियों, विशेष रूप से त्वचा और एसटीडी (यौन संचारित रोग) क्लीनिकों में काम करने वालों पर विशेष ध्यान देने को कहा है, ताकि उन्हें एमपॉक्स के सामान्य संकेतों और लक्षणों के बारे में पता चल सके और उसके निदान के बाद क्या कार्रवाई की जानी चाहिए, इसकी जानकारी मिल सके.
- अस्पताल-आधारित निगरानी से लेकर राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) की ओर से पहचाने गए इन्टरवेंशन साइट्स पर सभी संदिग्ध मामलों की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग की व्यवस्था होनी चाहिए.
- एडवाइजरी में ये भी कहा गया है कि सभी राज्य लोगों को बीमारी, इसके फैलने के तरीके, कब इसे लेकर डॉक्टर से संपर्क करें और इससे बचने के तरीकों के बारे में जागरूक करें. लोगों के बीच किसी भी तरह के पैनिक को रोकने की व्यवस्था की जाए.
क्या होता है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है, जो आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति या जानवर के सीधे संपर्क में आने से फैलती है. इस बीमारी को एमपॉक्स नाम से भी जाना जाता है. यह वायरस आमतौर पर जानवरों और मनुष्यों को प्रभावित कर सकता है. मंकीपॉक्स के लक्षण 3 से 17 दिन के बाद शुरू हो सकते हैं, जब मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं तो इसे इनक्यूबेशन पीरियड कहा जाता है. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि मंकीपॉक्स के लक्षण क्या है और कैसे आप इससे बचाव कर सकते हैं.
यहां मिल रहे सबसे ज्यादा मरीज
फिलहाल एमपॉक्स का सबसे ज्यादा प्रकोप कांगो में देखने को मिल रहा है. अफ्रीका में यह बीमारी भयावह रूप ले रहा है. लोगों को इंफेक्शन से बचाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. लोगों को जागरूक किया जा रहा है. कांगो में साल 2023 में अब तक 27 हजार केस सामने आ चुके हैं. वहीं 1100 मरीजों की मौत हो गई थी. एमपॉक्स के गिरफ्त में आने वाले ज्यादातर बच्चे है. एमपॉक्स से सबसे ज्यादा प्रभावित प्रेग्नेंट महिला और कमजोर इम्युनिटी वाले लोग. खासकर जिन लोगों को यौन संबंधित बीमारी है उन्हें भी यह बीमारी जल्दी होती है. कांगों में एमपॉक्स के दो स्ट्रेन तेजी से फैल रहे हैं.
ये भी पढ़ें
'पहले नमाज, फिर बनाई गई मस्जिद', असम सीएम हिमंत सरमा ने पूछा- हमारी संस्कृति खतरे में क्यों