Jammu Kashmir: केंद्र ने गजनवी फोर्स को किया आतंकी समूह घोषित, हरविंदर सिंह संधू भी टेररिस्ट लिस्ट में शामिल
Jammu Kashmir: गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम -1967 के तहत जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स को आतंकवादी संगठन घोषित करते हुए कहा कि फोर्स देश की संप्रुभता के लिए खतरा है.
Jammu Kashmir: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार (17 फरवरी) को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UPA) -1967 के तहत जम्मू कश्मीर गजनवी फोर्स (JKJF) को आतंकवादी संगठन घोषित किया. साथ ही पाकिस्तान में रह रहे और बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंडा को भी लिस्ट में डाला गया है.
एक अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने ऐसे संगठनों की सूची वाले यूएपीए कानून की पहली अनुसूची में जम्मू कश्मीर गजनवी फोर्स को सूचीबद्ध किया है. जेकेजीएफ को लिस्ट में डालने से अब आतंकवादी संगठनों के रूप में घोषित संगठनों की संख्या 43 हो गई है.
गृह मंत्रालय ने क्या कहा?
केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने कहा कि जेकेजीएफ साल 2020 में एक आतंकवादी संगठन के रूप में सामने आया और यह लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक उल मुजाहिदीन, हरकत उल जेहाद ए इस्लामी आदि जैसे विभिन्न अभियुक्त आतंकवादी संगठनों से अपने कैडरों को आकर्षित करता है.
एमएचए ने बताया, ''जेकेजीएफ घुसपैठ की कोशिशों, नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी और जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों को अंजाम देने में शामिल है.'' मंत्रालय के अनुसार जेकेजीएफ भारतीय सुरक्षा बलों को धमकियां जारी करता है और भारत के खिलाफ आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करता है.
'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा'
एमएचए ने कहा, "जेकेजीएफ की गतिविधियां हिंदुस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए नुकसानदायक है. इसने भारत में आतंकवाद की विभिन्न धटनाओं को अंजाम दिया है और इसमें भाग लिया है.'' इसको देखते हुए यह फैसला लिया गया है. बता दें कि आए दिन जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले की कोशिश की जाती है, लेकिन ऐसी साजिश को भारतीय पुलिस और सेना सफल नहीं होने देती. ऐसे में आम लोगों को आतंकी निशाना बनाने की कोशिश करते हैं.