भारतीय रेलवे लगातार ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को प्रचार माध्यम के जरिए ये बताती रहती है कि ट्रेन में बिना टिकट यात्रा ना करें. अगर कोई व्यक्ति ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करते हुए पाया जाता है तो भारतीय दंड संहिता के तहत उसे सजा भी हो सकती है. अक्सर यात्रियों को बताया जाता है कि ट्रेन में बिना टिकट सफर करना अपराध की श्रेणी में आता है, लेकिन अक्सर हम रेलवे की बातों को अनसुना करते हैं. 


बिना टिकट यात्रा करने वालों से मध्य रेलवे ने कोरोना काल के दौरान बीते 1 साल में (अप्रैल 2021 से लेकर मार्च 2022 तक)  200 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना वसूला है. मध्य रेलवे के मुताबिक, ये भारतीय रेलवे में किसी भी ज़ोन द्वारा अब तक का सबसे ज्यादा वसूल किया गया जुर्माना है. कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद मध्य रेल की अब तक की सबसे अधिक आय है.


कमाई के मामले में मध्य रेलवे का मुंबई मंडल सबसे आगे


मध्य रेलवे द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई मंडल ने बिना टिकट और अनियमित यात्रा के 12.93 लाख मामले पकड़े हैं, जिनसे 66.84 करोड़ रुपये वसूल किए, जो मध्य रेल के सभी मंडलों में सबसे अधिक है. भुसावल मंडल ने अनियमित यात्रा के 8.15 लाख मामले पकड़े हैं, जिनसे 58.75 करोड़ रुपये वसूल किए हैं, नागपुर मंडल ने अनियमित यात्रा के 5.03 लाख मामलों से 33.32 करोड़ वसूले, सोलापुर मंडल ने अनियमित यात्रा के 3.36 लाख मामले पकड़े गए और उनसे 19.42 करोड़ रुपये वसूले और पुणे मंडल ने अनियमित यात्रा के 2.05 लाख मामले पकड़े और उनसे 10.05 करोड़ रुपये की वसूली की गई है. मुख्यालय के टिकट चेकिंग दल ने बिना टिकट और अनियमित यात्रा के 1.80 लाख मामले पकड़े और उनसे 12.47 करोड़ रुपये वसूल किए हैं.


मध्य रेलवे के मुताबिक, बीते 1 साल में रेलवे ने 33.30 लाख यात्रियों को बिना टिकट ट्रेन में सफर करते हुए पकड़ा है. इनमें लोकल ट्रेन, मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों में सफ़र करने वाले यात्री शामिल हैं.


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