Central Vista Project: रक्षा मंत्रालय की बिल्डिंग के उद्घाटन पर बोले पीएम, घोड़ों के लिए बनाए अस्तबल से देश की रक्षा कर रहे थे सैनिक
Central Vista Project: पीएम ने कहा कि देश की राजधानी महज एक शहर नहीं होती बल्कि उस देश का प्रतीक होती है. राजधानी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ संस्कृति, विचारधारा और लोकतंत्र का प्रतीक होती है.
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Central Vista Project: गुरुवार को प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के आलोचकों पर जमकर बरसे. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश के सैनिक द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान घोड़ों के लिए बनाए गए अस्तबल से देश की रक्षा कर रहे थे. इस प्रोजेक्ट के बनने से सैनिकों के लिए स्टेट ऑफ द आर्ट डिफेंस बिल्डिंग बनकर तैयार की जा रही है. पीएम मोदी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनाई गई रक्षा मंत्रालय की पहली बिल्डिंग के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे.
पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी देश की राजधानी महज एक शहर नहीं होती, बल्कि उस देश का प्रतीक होती है. राजधानी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ संस्कृति, विचारधारा और लोकतंत्र का प्रतीक होती है. पीएम ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट उसी प्रतीक का हिस्सा है और राजधानी दिल्ली के अफ्रीका एवेन्यू में तैयार की गई 'डिफेंस ऑफिसेस कॉम्पेलक्स' भी उसी का हिस्सा है.
राजधानी दिल्ली के सरोजनी नगर के करीब अफ्रीका एवेन्यू में तैयार की गई डिफेंस बिल्डिंग के उद्घाटन के समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी और सीडीएस जनरल बिपिन रावत सहित सशस्त्र सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. अफ्रीका एवेन्यू पर बनी नई बिल्डिंग के साथ ही इंडिया गेट के करीब कस्तूरबा गांधी मार्ग पर बनी रक्षा मंत्रालय के एक दूसरी बिल्डिंग का भी पीएम मोदी ने वर्चुअल उद्घाटन किया.
सात हजार कर्मचारी और सैनिक करेंगे काम
रक्षा मंत्रालय की इन दोनों बिल्डिंग में करीब सात हजार कर्मचारी और सैनिक काम करेंगे. ये सभी सैनिक फिलहाल साउथ ब्लॉक के करीब द्वितीय विश्वयुद्ध के समय की हटमेट्ंस और अस्तबल में काम करते थे. यहां तक की लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी तक यहां कार्यरत थे. ये बिल्डिंग काफी पुरानी और जर्जर हालत में थीं. पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें हैरानी होती है कि देश की रक्षा इन अस्तबल से की जा रही थी. किसी ने इससे पहले इस पर क्यों नहीं ध्यान दिया.
उन्होनें कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर सवाल खड़ा करने वाले भी इस मुद्दे पर खामोश हैं. उन्होनें कहा कि नई बिल्डिंग में आधुनिक सुविधाओं के साथ हमारे सैनिक और बेहतर काम कर सकेंगे. कोरोना महामारी और लॉकडाउन के समय भी सेंट्रल विस्टा का निर्माण कार्य जारी था, जिसको लेकर विपक्ष ने सरकार की कड़ी आलोचना की थी. रक्षा मंत्रालय की इन दोनों बिल्डिंग में नौसेना का आईएनएस इंडिया नेवल स्टेशन, क्वालिटी कंट्रोल ऑफिस, रिकॉर्ड ऑफिस, डिफेंस सिक्योरिटी ऑफिस इत्यादि स्थांतरित कर दिए जाएंगे. इसके अलावा सैनिकों के बैरक तक इन बिल्डिंग में तैयार किए गए हैं. ये सभी बिल्डिंग फिलहाल हटमेंट्स में चल रहे थे. इन ऑफिस के यहां से हटने के लिए सेंट्रल विस्टा के लिए करीब 7.5 लाख वर्ग मीटर की जगह खाली हो जाएगी.
इन दोनों डिफेंस बिल्डिंग को रिकॉर्ड 12 महीने में तैयार किया गया है क्योंकि ये बिल्डिंग पूरी तरह से स्टील स्ट्रक्चर पर खड़ी की गई हैं. आरसीसी लिंटर की जगह भी स्टील का इस्तेमाल किया गया है. कार्यक्रम के बाद एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में शहरी विकास सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि इन बिल्डिंग में इस्तेमाल की जाने वाली स्टील रियूजेबल है यानी अगर 100 साल बाद भी स्टील निकाली गई तो उसे किसी और कार्य में इस्तेमाल किया जा सकता है.
इतना आया खर्च
अफ्रीका एवेन्यू और केजी मार्ग पर तैयार दोनों बिल्डिंग पर कुल 775 करोड़ रुपये का खर्च आया है. अफ्रीका एवेन्यू बिल्डिंग कुल 5 लाख वर्ग मीटर में तैयार की गई है और इसमें पांच ब्लॉक हैं. जबकि केजी मार्ग बिल्डिंग 4.52 लाख वर्ग मीटर में फैला है और इसमें तीन ब्लॉक हैं. यहां कर्मचारियों के लिए कैंटीन, बैंक और एटीएम की सुविधा हैं. बिल्डिंग निर्माण में पेडों को नहीं काटा गया है.
साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय, थलसेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख के सेक्रेटेरिएट फिलहाल नहीं हटाए जाएंगे. वे साउथ ब्लॉक से ही संचालित होते रहेंगे. माना जा रहा है कि सेंट्रल विस्टा पूरा तैयार होने के बाद ही ये ऑफिस यहां से शिफ्ट किए जाएंगे क्योंकि सेंट्रल विस्टा प्लान के तहत साउथ ब्लॉक और नॉर्थ ब्लॉक को म्यूजियम में तब्दील कर दिया जाएगा. साउथ ब्लॉक में स्वतंत्रता संग्राम का म्यूजियम बनाया जाएगा तो नॉर्थ ब्लॉक में स्वतंत्रता के बाद का.
आपको बता दें कि राजपथ के सौंदर्यीकरण और सभी मंत्रालयों की नई बिल्डिंग के लिए इंडिया गेट से लेकर विजय चौक तक सरकार ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की मंजूरी दी है. जो दो नई डिफेंस बिल्डिंग बनकर तैयार की गई हैं वो इसी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं. इसके अलावा संसद की नई इमारत भी तैयार की जा रही है. कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने पीएम को भरोसा दिलाया कि अगले साल यानी 2022 के गणतंत्र दिवस से पहले सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का काम पूरा हो जाएगा यानी राजपथ के सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा हो जाएगा लेकिन मंत्रालयों और विभागों की बिल्डिंग बनने में अभी समय लगेगा.
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