नई दिल्लीः केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट के तहत दिल्ली के लुटियन इलाके की कई बड़ी इमारतों को हटाया जाएगा. सेंट्रल विस्टा की शुरुआत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की ज़मीन से होगी. इसलिए सबसे पहले इसी बिल्डिंग को ख़ाली किया जा रहा है. लेकिन राष्ट्रीय महत्व के इस सबसे बड़े कला केंद्र में लाखों क़ीमती कला धरोहर हैं जिन्हें शिफ़्ट करना किसी चुनौती से कम नहीं है. अंतर्राष्ट्रीय महत्व के इस कला केंद्र में पेंटिंग्स की पैकिंग हो रही है.


केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट की योजना के मुताबिक़ अभी जिस साउथ ब्लॉक और नॉर्थ ब्लॉक में देश का पीएमओ, रक्षा, गृह और वित्त मंत्रालय मौजूद है वहां नेशनल म्यूज़ियम को लाया जाएगा. सेना भवन और शास्त्री भवन जैसी पावर सेंटर कही जाने वाली बिल्डिंगें हटेंगी. और इनकी जगह नई अत्याधुनिक बिल्डिंगें बनाई जाएंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख़ुद इस जगह का मुआयना किया है.


इस वक़्त इस कला केंद्र में प्राचीन मूर्तियों और धरोहर की श्रेणी में आने वाली पेंटिंग्स की पैकिंग हो रही है. हज़ारों पेंटिंग्स और मूर्तियों की पैकिंग हो चुकी है और लाखों किताबों को भी उनकी श्रेणी के मुताबिक़ पैक किया जाना है.


हिंदी आलोचना के शिखर पुरुष प्रो. नामवर सिंह की व्यक्तिगत लाइब्रेरी अब आम लोगों के लिए यहां पर मौजूद है. इसी तरह नृत्य मुद्रा से सम्बंधित ये मूर्तियाँ डांस क्रिटीक मोहन खोखर के व्यक्तिगत संकलन का हिस्सा हैं.


भारत में प्रोफेशनल फोटोग्राफ़ी के जनक राजा दीन दयाल के चित्रों के ग्लास नेगेटिव्ज और हंगरी से भारत में आ बसीं एलिज़ाबेथ बर्नर की पेंटिंग्स यहां मौजूद हैं. दिल्ली के जनपथ और राजेंद्र प्रसाद मार्ग पर स्थित इस 36 एकड़ के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को पास के ही इंडिया गेट सर्किल के पास जाम नगर हाउस में 15 एकड़ की ज़मीन दी गई है.


संस्था के अध्यक्ष राम बहादुर राय के अनुसार मौजूदा बिल्डिंग के साथ ज़मीन तो काफ़ी है पर इस्तेमाल में बहुत कम हो रही थी और बेतरतीबी से बनी बिल्डिंगें भी कलात्मक ज़रूरतों के लिहाज़ से नाकाफ़ी थीं लेकिन जाम नगर हाउस में जो नई बिल्डिंग बनेगी वो वर्ल्ड क्लास होगी. इसमें आधुनिक कला गैलरियां और कई ऑडिटोरियम होंगे. इसमें ऐसी व्यवस्था होगी जिसमें दर्शक और पाठक दिन के अलावा रात भर आ जा सकेंगे.


नई बिल्डिंग को बनने में क़रीब दो साल का समय लगेगा. इस दौरान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को इसी इलाक़े में मौजूद सरकारी जनपथ होटल में शिफ़्ट किया जाएगा. जनपथ होटल में सीपीडब्लूडी कला केंद्र की ज़रूरतों के मुताबिक़ ज़रूरी बदलाव कर रही है. अप्रैल में कला केंद्र अस्थाई तौर पर जनपथ होटल में शिफ़्ट हो जाएगा जहां ये दो साल तक अपनी पूरी क्षमता में कार्य करता रहेगा.


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