Central Vista Project: सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (Central Vista Redevelopment Project) के तहत सिर्फ संसद भवन की नई बिल्डिंग या कर्तव्य पथ ही नहीं, इस प्रोजेक्ट में कई निर्माण कार्य और रिडेवलपमेंट के कार्य शामिल हैं. ये बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है, जिसके कई हिस्से हैं. इनमें से फिलहाल अभी दो का काम ही पूरा हो सका है. इसमें अन्य कई प्रोजेक्ट्स हैं, जिसमें राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhawan), संसद भवन (Parliament House), नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक (North and South Block), इंडिया गेट (India Gate), नेशनल आर्काइव (National Archives) और बाकी इमारतों की मरम्मत, इमारतों को रिनोवेट और कुछ इमारतों को तोड़कर नई इमारतें बनाने का काम शामिल है. ये सभी इमारतें साल1931 से पहले ब्रिटिश राज में बनकर तैयार हुई थीं, जिन्हें Architect Edwin Lutyens और Herbert Baker ने डिज़ाइन किया था.


दो प्रोजेक्ट तैयार हो गए हैं


साल 1947 में अंग्रेजों के जाने के बाद सेंट्रल विस्टा के दायरे में आने वाली सारी बिल्डिंग्स, सरकारी इमारतें हो गईं थीं और साल 1962 में इन्हें हेरिटेज परिसर घोषित कर दिया गया. अब लगभग एक सदी के बाद इन पुरानी इमारतों की मरम्मत और इनमें सुधार की ज़रूरत थी. ऐसे में सितंबर 2019 में केंद्र की मोदी सरकार ने सेंट्रल विस्टा को दोबारा से रीडेवेलप करने के लिए सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (Central Vista Redevelopment Project) की घोषणा की और 10 दिसंबर 2019 को इसकी आधारशिला रखी गई.


इस प्रोजेक्ट का Estimated Cost 20,000 करोड़ के आसपास है और इसे बनने में लगभग 6 साल का समय लगेगा. इस प्रोजेक्ट के तहत CPWD ने सबसे पहले दो टेंडर निकाले थे. पहला टेंडर संसद भवन की नई बिल्डिंग (New Parliament Building) को बनाने का था, जो टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड (Tata Projects Ltd.) को मिला था. इस प्रोजेक्ट की लागत 862 करोड़ रुपए है. पार्लियामेंट की नई बिल्डिंग का काम फिलहाल जारी है, जिसके अक्टूबर 2022 तक पूरा होने की संभावना है.


दूसरा टेंडर साइरस मिस्त्री की कंपनी Shapoorji Pallonji and Company Pvt Ltd को दिया गया था, जो राजपथ के रिडेवलपमेंट का काम कर रही थी, जिसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया है. इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 477 करोड़ रुपए है. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में सबसे पहले इन्हीं दोनों प्रोजेक्टस पर काम शुरू हुआ था. कर्तव्यपथ इसी प्रोजेक्ट के तहत बना है, जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने गुरुवार को उद्घाटन किया है.


इन दो प्रोजेक्ट्स के अलावा और क्या-


सेट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत जो काम होगा, उसे चार कैटेगरी में बांटा गया है. पहली कैटेगरी में ऐसी इमारतें हैं, जिन्हें भविष्य के लिहाज़ से नए सिरे से डेवेलप किया जाएगा, जिसमें पुराना संसद भवन (Old Parliament House) नॉर्थ और साउथ ब्लॉक (North and South Block) के अलावा राष्ट्रपति भवन का गार्डन शामिल है.


दूसरी कैटेगरी में ऐसी इमारतें हैं, जो जैसी हैं, वैसी ही रहेंगी और उनमें बस मरम्मत का काम होगा. इनमें शामिल हैं राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan), इंडिया गेट (India Gate), नेशनल वॉर मेमोरियल (National War Memorial), रेल भवन ( Rail Bhawan) और वायु भवन  (Vayu Bhawan).


तीसरी कैटेगरी में वो इमारतें हैं, जिन्हें गिराकर दोबारा बनाया जाएगा और चौथी कैटेगरी में वो सब इमारतें शामिल हैं, जो बिल्कुल नई बनाई जाएंगी, जिसमें नया संसद भवन, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू, कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट,सेंट्रल कॉन्फ्रेंस सेंटर, उपराष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास और इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने में कम से कम 6 साल का समय लगेगा. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद Central Vista का पूरा रूप रंग ही बदल जाएगा


कोई भी इमारत 7 फ्लोर से ज्यादा की नहीं होगी


इस पूरे प्रोजेक्ट में नई बनने वाली किसी भी इमारत की ऊंचाई 42 मीटर से ऊपर नहीं होगी, यानी सात फ्लोर से ज्यादा किसी भी इमारत की ऊंचाई नहीं रखी जाएगी, क्योंकि India Gate से ऊंची कोई भी इमारत सेंट्रल विस्टा में नहीं बनाई जाएगी. सभी इमारतें बाहर से एक जैसी दिखेंगी और ये सभी इमारतें एक दूसरे के साथ कनेक्ट होंगी. सभी इमारतें दिल्ली मेट्रो से जुड़ी होंगी. 


इस प्रोजेक्ट के तहत पीएम हाउस को 15 एकड़ में बनाया जाएगा, जिसमें 4 मंजिला 10 इमारतें बनाई जाएंगी और SPG के लिए भी इसमें एक इमारत होगी. प्रोजेक्ट के सबसे अंतिम चरण में North Block और South Block की इमारतें बनाई जाएंगी. 


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