नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने सिविल सर्वेंट्स के पेंशन रूल्स में संशोधन किया है. इसके तहत सिक्योरिटी और इंटेलीजेंस ऑर्गेनाइजेशन के सेवानिवृत्त अधिकारियों को ऑर्गेनाइजेशन हेड की मंजूरी के बिना अपनी संस्था से संबंधित कुछ भी प्रकाशित करने से प्रतिबंधित किया गया है. लेकिन कारगिल युद्ध के दौरान सेना का नेतृत्व करने वाले पूर्व भारतीय सेना प्रमुख वीपी मलिक ने महसूस किया कि ये देश के लिए नुकसानदायक है.


इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार वीपी मलिक ने कहा, 'मूल ​​समस्या पेंशन नियम नहीं है, बल्कि यह है कि यह लोगों को लिखने से रोकेगा. पेंशन केवल एक खतरा है, प्रमुख मुद्दा यह है कि किसी को अपने अनुभव के बारे में लिखने में सक्षम होना चाहिए या नहीं. मेरी चिंता यह है कि यदि आप सेवा से सेवानिवृत्त होने वाले लोगों को अपना अनुभव शेयर करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, तो कोई कैसे विशेषज्ञ टिप्पणियों को पारित करने और किसी विशेष घटना का विश्लेषण करने और उन घटनाओं से सीखने में सक्षम होगा. ऐसे देश हारेगा."


आईबी के एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि नए पेंशन नियम सरकार को किसी ऐसे व्यक्ति को दंडित करने का अधिकार देते हैं जिसके विचार उसे पसंद नहीं आए. एक पूर्व रॉ प्रमुख ने कहा. 'आप मेरी पेंशन को खतरे में क्यों डालना चाहते हैं? मैं खुशी-खुशी एक सेवानिवृत्त जीवन व्यतीत कर रहा हूं.' वहीं एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "किसी भी तरह से ये नियम ऐसे किसी भी पूर्व अधिकारी को अपने विचार व्यक्त करने से इनकार नहीं करते हैं. वास्तव में, यह इसे आसान बनाता है."


ऑर्गेनाइजेशन के लिए लागू होगा ये नियम
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 में संशोधन करते हुए डीओपीटी ने एक क्लॉज जोड़ा, जिसमें कहा गया है कि सेवानिवृत्ति पर आरटीआई अधिनियम की दूसरी अनुसूची में मेंशन्ड संगठनों में काम करने वालों को ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख से पूर्व मंजूरी के बिना "संगठन के डोमेन से संबंधित कुछ भी प्रकाशित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिसमें किसी भी कार्मिक और उसके पदनाम के बारे में संदर्भ या जानकारी और उस ऑर्गेनाइजेशन में काम करने के आधार पर प्राप्त विशेषज्ञता या नॉलेज" शामिल है.


ये ऑर्गेनाइजेशन शामिल हैं लिस्ट में
इंटेलीजेंस ब्यूरो, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, राजस्व खुफिया निदेशालय, सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलीजेंस ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, एविएशन रिसर्च सेंटर, स्पेशल फ्रंटियर फोर्स, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड, असम राइफल्स, सशस्त्र सीमा बल, स्पेशल ब्रांच (सीआईडी), अंडमान और निकोबार, क्राइम ब्रांच-सीआईडी-सीबी, दादरा और नगर हवेली, स्पेशल ब्रांच, लक्षद्वीप पुलिस, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, बॉर्डर रोड़ डेवलपमेंट बोर्ड और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट आते हैं. 


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