Vibrant Villages Programme: चीन सीमा पर ऐसे मजबूत होगा इंफ्रास्ट्रक्चर, जानें क्या है मोदी सरकार का वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम?
Cabinet Meeting: भारत के हिमालय की सीमा पर चीन लगातार हलचल तेज कर रहा है. इसी चीज को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के लिए 4800 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.
Modi Cabinet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार (15 फरवरी) को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कई योजनाओं को मंजूरी दी गई. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मंत्रिमंडल ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के लिए 4800 करोड़ रुपये आवंटित करने की मंजूरी दी है. ये बजट वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2025-26 के लिए है. इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बजट भाषण में भी वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का जिक्र किया था.
उन्होंने कहा था कि सरकार इस प्रोग्राम के तहत उत्तरी सीमा पर कनेक्टिविटी में सुधार के लिए काम करने जा रही है. हालांकि, उन्होंने इस कार्यक्रम के बारे में विवरण नहीं दिया था. तो आइए जानते हैं वाइव्रेंट विलेज प्रोग्राम के बारे में, आखिर ये है क्या?
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम क्या है?
सरकार की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, चीन की सीमा के साथ सटे भारत के गांवों में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए इस वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत की गई है. इसमें लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के कुल 19 जिलों के 2966 गांवों में सड़क और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा. इसके अलावा ये कार्यक्रम बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम से अलग होगा और केंद्र सरकार इसका खर्च वहन करेगी.
Union Cabinet approves Centrally sponsored scheme- Vibrant Villages Programme for the financial years 2022-23 to 2025-26 with financial allocation of Rs 4800 Crores: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/pPa9zc9rh1
— ANI (@ANI) February 15, 2023
इस कार्यक्रम के तहत आवासीय और पर्यटन केंद्रों का निर्माण किया जाएगा. उत्तरी सीमा पर दुर्लभ आबादी वाले गांवों में कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे की जरूरत को ध्यान में रखा गया है. भारत के ये इलाके विकास के लाभ से छूट जाते हैं. इस तरह के गांवों में सड़क संपर्क में सुधार और ऊर्जा के स्रोतों के विकास के लिए इस प्रोग्राम के तहत काम किया जाएगा. इसके अलावा, दूरदर्शन और शिक्षा संबंधी चैनलों की सीधी सुविधा पहुंचाई जाएगी और आजीविका के लिए सहायता भी दी जाएगी.
कार्यक्रम क्यों जरूरी?
भारत में हिमालय की सीमा पर चीन की मौजूदगी किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में इस प्रोग्राम की घोषणा एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. चीन सक्रिय रूप से भारत से लगी सीमा पर निर्माण कार्य को अंजाम दे रहा है. ऐसे में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास स्थित गांवों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करके इस उद्देश्य को पूरा किया जाएगा. यह पलायन को रोकने का प्रयास भी करेगा. चीन ने हाल के सालों में भारत के साथ-साथ भूटान और नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में मॉडल गांवों का विकास किया है. भारत के वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को चीन के मॉडल गांवों की प्रतिक्रिया माना जा रहा है.