वीके पांडियन की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को केंद्र की मंजूरी, सीएम पटनायक के निजी सचिव के रूप में थे कार्यरत
VK Pandian: कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने ओडिशा के प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर वीके पांडियन की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को मंजूरी की सूचना दी है.
VK Pandian Voluntary Retirement: केंद्र सरकार ने IAS अधिकारी वीके पांडियन की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को मंजूरी दे दी है. पांडियन वर्तमान में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव के रूप में कार्यरत हैं. वह 2000 बैच के ओडिशा कैडर के अधिकारी हैं.
इस संबंध में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने ओडिशा के प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा है. इस पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को मंजूरी दे दी है.
केंद्र सरकार के सचिव भूपेंद्र पाल ने पत्र में कहा कि पांडियन की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के संबंध में 20 अक्टूबर 2023 को मिले पत्र के संदर्भ में मुझे उनकी सेवानिवृत्ति की मंजूरी के लिए सक्षम प्राधिकारी को अवगत कराने का निर्देश दिया गया है.
Centre approves the voluntary retirement of IAS officer VK Pandian, who has been currently serving as private secretary to Odisha Chief Minister Naveen Patnaik. pic.twitter.com/XbjSosYmhT
— ANI (@ANI) October 23, 2023
2011 से नवीन पटनायक के निजी सचिव
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पांडियन 2011 से नवीन पटनायक के निजी सचिव के पद पर काम कर रहे हैं. उन्होंने अपने आईएएस करियर की शुरुआत कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ में सब-कलेक्टर के रूप में की थी. इसके बाद वह मयूरभंज और गंजम में भी कलेक्टर रहे. इसके बाद वह मुख्यमंत्री कार्यालय में पहुंचे.
कांग्रेस और बीजेपी ने की थी आलोचना
इससे पहले सेवा शर्त नियमों के उल्लंघन को लेकर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस ने पांडियन पर निशाना साधा था. इतना ही नहीं पांडियन को सत्तारूढ़ दल के नेताओं की आलोचना का भी सामना करना पड़ा था. बीजू जनता दल (BJD) के निष्कासित विधायक सौम्य रंजन पटनायक ने उन पर सरकारी खजाने से पैसा खर्च करके हेलीकॉप्टर यात्रा करने का आरोप लगाया था.
कांग्रेस ने किया फैसले का स्वागत
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक वरिष्ठ कांग्रेस विधायक एसएस सलूजा ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के पांडियन के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा, "हम उनके फैसले का स्वागत करते हैं. उन्हें यह पहले ही करना चाहिए था. हमें नहीं पता कि वह राजनीति में शामिल होंगे या अपने राज्य वापस लौटेंगे, लेकिन अगर वह बीजेडी में शामिल होते हैं तो यह विपक्ष के लिए मददगार होगा, खासकर कांग्रेस के लिए."
'खुलकर करेंगे राजनीति'
वहीं, बीजेपी नेता मोहन माझी ने कहा कि पांडियन ने अपनी राजनीतिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए इस्तीफा दिया है. अब वह नौकरशाह का मुखौटा पहनकर नहीं, बल्कि खुलकर राजनीति कर सकेंगे. उन्हें ओडिशा के लोग स्वीकार नहीं करेंगे.