नई दिल्ली: केंद्र ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत कई सियासतदानों और जन प्रतिनिधियों को मिला वीआईपी सुरक्षा कवर वापस ले लिया जबकि 130 से ज्यादा मामलों की समीक्षा के बाद विभिन्न श्रेणियों में अन्य की सुरक्षा को कम किया है. सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. मोदी सरकार के दोबारा कार्यभार संभालने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वीआईपी सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा की पहली बार पूर्ण समीक्षा की. सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को मिला शीर्ष 'ज़ेड प्लस' श्रेणी का एनएसजी सुरक्षा कवर और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के 'ज़ेड' श्रेणी की सुरक्षा को वापस ले लिया गया है.


इसी के साथ ही बीजेपी सांसद और पूर्व मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी, बीजेपी के पूर्व नेता कीर्ति आज़ाद , शत्रुघन सिन्हा, हिमाचल प्रदेश के नव-नियुक्त राज्यपाल कलराज मिश्रा, लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के तीन नाती-पोतों, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एक बेटी और नाती के नामों को भी सुरक्षा देने वाली केंद्रीय सूची से हटाया गया है. इन वीआईपी को सीआरपीएफ,सीआईएसएफ, प्रतिष्ठित आतंकवाद रोधी बल एनएसजी जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएएफ) के कमांडो और दिल्ली पुलिस सुरक्षा मुहैया करा रही थी.


वहीं, उत्तर प्रदेश के मंत्री सुरेश राणा, बिहार की वैशाली सीट से सांसद वीणा देवी, राज्य से पूर्व सांसद उदय सिंह, उत्तर प्रदेश के मंत्री बृजेश पाठक, बीजेपी के नेता अनुपम हाज़रा, इसरो के अध्यक्ष के सिवन, पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार आर चिदंरबम और कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा की भी सुरक्षा वापस ली गई है. इसी के साथ, बीजेपी के राज्यसभा सांसद ओपी माथुर, आचार्य प्रमोद कृष्णन, आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार, बीजेपी के पूर्व सांसद उदित राज, इटावा से बीजेपी सांसद राम शंकर कठेरिया के नाम भी केंद्रीय सुरक्षा देने वाली सूची से बाहर कर दिए गए हैं.


केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, कांग्रेस नेता अवतार सिंह भडाना, पंजाब के मंत्री राणा गुरमीत सोढी, बिहार के पूर्व सांसद साबिर अली, कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा, मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति आदय प्रसाद पांडे, अंतरिक्ष वैज्ञानिक टी के एलेक्स और कुछ अन्यों के नाम भी केंद्र की सूची से हटा दिए गए हैं. इसके अलावा, बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक संगीत सोम, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के सांसद पुत्र चिराग पासवान, पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, सीआरपीएफ के पूर्व निदेशक के विजय कुमार और प्रकाश मिश्रा की सुरक्षा को कम किया गया है. इन लोगों को केंद्रीय बल सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं.


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की सुरक्षा में भी कटौती
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, राज बब्बर, दिग्विजय सिंह, एके एंटनी, मनीष तिवारी, लोकतांत्रिक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव, माकपा नेता सीताराम येचुरी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य और बीजेपी के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा की सुरक्षा की श्रेणी में कमी की गई है. कांग्रेस के पूर्व सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, पंजाब सरकार के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, एनआईए के महानिरीक्षक जी पी सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिल्ली के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ओ पी सैनी समेत अन्य की सुरक्षा में भी कटौती की गई है.


सूत्रों ने बताया कि जिन नेताओं के नामों को केंद्र की सुरक्षा देने वाली सूची में से हटाया गया है उनमें से कुछ को सुरक्षा विभिन्न राज्य सरकारों की पुलिस देगी. गृह मंत्रालय ने सोमवार को केंद्र की सुरक्षा प्राप्त 130 से ज्यादा वीआईपी को खतरे की धारणा की रिपोर्टों को देखा था जिसके बाद उनकी सुरक्षा या तो वापस ली गई है या उसकी समीक्षा की गई है.


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