नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के खिलाफ प्रतिबंध पांच और साल के लिए तत्काल प्रभाव से बढ़ा दिया है. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के लिए यह आतंकी संगठन जिम्मेदार था. गृह मंत्रालय ने जारी एक अधिसूचना में कहा है कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत यह प्रतिबंध बढाया गया है.


भारत ने 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद लिट्टे पर प्रतिबंध लगाया था. पिछली बार 2014 में संगठन पर प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ाया गया था. आतंकी संगठन लिट्टे श्रीलंका में सक्रिय है लेकिन इसके समर्थक, एजेंट भारत में भी हैं. यह आतंकी संगठन 1976 में बना था.


अधिसूचना में कहा गया है कि लिट्टे की ओर से जारी हिंसा और विध्वंसकारी गतिविधियां भारत की एकता और अखंडता के लिए हानिकारक हैं. इसमें कहा गया है कि संगठन भारत विरोधी रुख अपनाए हुए है और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है. गृह मंत्रालय ने कहा है कि श्रीलंका में मई 2009 में हार के बावजूद लिट्टे ने 'ईलम' के विचार को नहीं छोड़ा और गुप्त रूप से धन जुटाने और प्रचार गतिविधियों का काम में जुटा है. लिट्टे के बचे हुए नेता या कार्यकर्ता भी संगठन को फिर से खड़ा करने की कोशिश में हैं.


लिट्टे या तमिल टाइगर्स का गठन 1976 में वी प्रभाकरण ने किया था. इसका गठन श्रीलंका में स्वतंत्र तमिल राज्य की स्थापना के मकसद से किया गया था.


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