नई दिल्ली: किसान आंदोलन और कृषि कानून मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज आदेश देगा. इससे ठीक पहले केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में किसान मामले पर हलफनामा दाखिल किया है. वहीं दिल्ली पुलिस ने भी एक अर्जी लगाई है.
केंद्र ने कहा कि कृषि कानून 20 वर्ष की चर्चा का नतीजा है. जल्दी में नहीं बनाया गया है. देश के किसान कानून से खुश हैं. उन्हें नया विकल्प मिला है. केंद्र ने कहा कि हमने MSP पर खरीद, ज़मीन की सुरक्षा, सिविल कोर्ट जाने का अधिकार जैसी बात कहीं है. पर आंदोलनकारी कानून रद्द करने की ज़िद करते रहे.
दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?
किसान आंदोलन पर सुनवाई से पहले दिल्ली पुलिस ने भी सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की है. इसमें पुलिस ने गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के दौरान आंदोलनकारी किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की मांग की है. पुलिस ने कहा कि विरोध के अधिकार का मतलब पूरे विश्व में देश को शर्मसार करना नहीं हो सकता है.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने आज तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन से निबटने के तरीके पर केन्द्र को आड़े हाथ लिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों के साथ उसकी बातचीत के तरीके से वह ‘बहुत निराश’ है. शीर्ष अदालत ने कहा कि हमें बतायें कि क्या सरकार इन कृषि कानूनों को स्थगित रखने जा रही है या हम ऐसा करेंगे.’’
चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की पीठ सुनवाई कर रही है. पीठ ने कहा, ‘‘हम बातचीत की प्रक्रिया से बेहद निराश हैं. हम आपकी बातचीत के बारे में कोई छिटपुट टिप्पणियां नहीं करना चाहते लेकिन हम इस प्रक्रिया से बहुत निराश हैं.’’
बता दें कि किसान पिछले 47 दिनों से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार और किसानों के बीच आठ दौर की बैठक हो चुकी है. अब 15 जनवरी को बैठक होगी.
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