एक- दो साल छोड़ दीजिए, अगले दशक में भी नहीं सुधरेंगे भारत-पाकिस्तान के रिश्ते! सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा
सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च- सी वोटर के सर्वे में भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर लोगों से राय ली गई, भारत-पाकिस्तान के मित्रतापूर्ण रिश्ते को लेकर बांग्लादेशी ज्यादा सकारात्मक दिखे.
India-Pakistan Relations: भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तमाम कोशिशों के बावजूद सुधर नहीं सके हैं. हमेशा से ही दोनों देशों के रिश्तों पर बर्फ जमी रही है. भारत और पाकिस्तान में जारी उथल-पुथल के बीच सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च- सी वोटर का एक सर्वे सामने आया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च- सी वोटर के सर्वे में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल, सर्वे में 60 प्रतिशत से अधिक भारतीय और करीब 50 प्रतिशत पाकिस्तानियों ने माना है कि इस दशक में दोनों मुल्कों के बीच मित्रतापूर्ण संबंध स्थापित नहीं हो सकते.
कितने लोगों ने सर्वे में लिया हिस्सा?
सर्वे में भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के 12,000 लोगों से राय ली गई. ये वो लोग हैं जिन्होंने इस सर्वे के सभी सवालों का जवाब दिया. 2016 के बाद से भारत-पाकिस्तान के संबंधों में काफी गिरावट दर्ज की गई है क्योंकि दोनों के बीच कोई उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई.
कितने प्रतिशत भारतीय हैं सकारात्मक
62 प्रतिशत भारतीयों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान के रिश्तों मित्रतापूर्ण नहीं हो सकते जबकि 28 प्रतिशत भारतीयों ने उम्मीद जताई कि निकट भविष्य में दोनों देश अच्छे मित्र बन सकते हैं. 52 प्रतिशत पाकिस्तानियों ने कहा कि भारत के साथ रिश्तों का दोस्ती के ट्रैक पर लौटना असंभव है तो 38 प्रतिशत ने उम्मीद जताई कि दोस्ती होने की संभावना है.
सकारात्मक दिखे बांग्लादेशी
अहम ये है कि भारत-पाकिस्तान के मित्रतापूर्ण संबंधों को लेकर बांग्लादेशी काफी सकारात्मक हैं. बांग्लादेश में 45 प्रतिशत ने माना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते सुधर सकते हैं. हालांकि, 40 प्रतिशत ने कहा कि दोनों के बीच दोस्ती होना असंभव है.
कब किया गया था सर्वे?
भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर ये सर्वे 2022 में किया गया. पिछले हफ्ते इसके नतीजे प्रस्तुत किए गए. सर्वे को 'बदलती दुनिया में दक्षिण एशिया: विभाजन के 75 साल बाद भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिक क्या सोचते हैं' शीर्षक से जारी किया गया.
रूस पर है भारतीयों को भरोसा
भारत के लोग इस सर्वे में चीनी हस्तक्षेप से सबसे कम चिंतित दिखे. वहीं पाकिस्तानी और बांग्लादेशियों ने चीनी हस्तक्षेप पर चिंता जताई. अधिकतर भारतीयों ने कहा कि उन्हें अमेरिका की तुलना में रूस पर ज्यादा भरोसा है. अधिकतर पाकिस्तानी और बांग्लादेशियों ने भी रूस को ज्यादा भरोसेमंद बताया.
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