India Trade With China: केंद्र सरकार ने चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों के साथ किसी भी तरह का व्यापार करने वाली घरेलू और विदेशी कॉर्पोरेट संस्थाओं की सीधी भागीदारी पर रोक लगा दी है. इसके लिए आर्थिक सुरक्षा नियमों को सरकार के जरिए कड़ा किया गया है. इस बात की जानकारी सभी राज्यों को दे दी गई है. भारत सरकार के इस फैसले की वजह सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं हैं, जो पाकिस्तान और चीन जैसे मुल्कों के साथ व्यापार करने पर होती हैं. चीन की कई कंपनियां भारत में निवेश करने आती हैं.


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने जुलाई 2020 में ही अपने आदेश में संशोधन किया था. इसके तहत भारत के साथ सीमा साझा करने वाले देशों के साथ अगर किसी कंपनी का व्यापार होता है, तो उसके लिए किसी भी सरकारी बोली या नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लेने से पहले स्क्रीनिंग और रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है. सरकार ने 23 जुलाई, 2020 को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों की कंपनियों से सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए खरीदारी प्रतिबंधित कर दी थी.


व्यापारिक संबंध रखने से पहले लेनी होगी सरकार की मंजूरी


केंद्र सरकार की तरफ से हाल ही सभी राज्यों को एक संदेश भेजा गया है. इसमें दुश्मन पड़ोसी देशों के साथ कोई भी व्यापारिक संबंध रखने से पहले सरकार से मंजूरी लेने का निर्देश दिया गया है. इसकी वजह दुश्मन देशों की वजह से पैदा होने वाली सुरक्षा चिंताएं हैं. नाम न छापने की शर्त पर मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इसकी जानकारी दी है. हाल ही में देखा गया कि कुछ राज्यों में कई प्राइवेट कंपनियों ने इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए चीनी कंपनियों संग करार किया. 


सरकार ने क्यों लिया फैसला? 


सरकार का ये फैसला इजरायल में 7 अक्टूबर को हुए आतंकी हमले से काफी पहले एजेंसियों से मिले सुरक्षा इनपुट के आधार पर लिया गया. कुछ राज्यों में कुछ प्राइवेट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट इस कारण से फिलहाल अटके हुए हैं. सरकार ने पहले ही चीन की कंपनियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए हुए हैं. 2020 में कई सारी चीनी ऐप्स को बैन भी किया गया था. 


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