नई दिल्ली: सरकार जल्दी चीन से आने वाले सस्ते माल पर कड़ी शर्ते नियम और टैक्स बढ़ाने की तैयारी कर रही है. सरकार की ओर से उन सस्ती वस्तुओं और सेवाओं की पूरी सूची हर मंत्रालय से मांगी गई है जो चीन से आयात की जाती है खास तौर ऐसी वस्तुओं की गुणवत्ता और दामों के तुलनात्मक रिपोर्ट को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय से मांगा गया है. भारत सरकार चीन से आयात होने वाले 250 ऐसे सामानों पर ड्यूटी बढ़ाने या उनकी गुणवत्ता के स्तर को बढ़ाने पर विचार कर रही है ताकि घरेलू उत्पादों को चीन से कम कीमत में आने वाले उन्ही उत्पादों से बाजार में मात न खानी पड़े.


सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई इस हाई लेवल बैठक में आत्मनिर्भर भारत अभियान को सशक्त करने के लिए चीन के आयात पर निर्भरता कम करने के उपायों पर विचार हुआ. इस बैठक में भारत चीन सीमा पर तनाव के मद्देनजर चीन से होने वाले आयात को कम करने के कई पहलुओं पर विचार हुआ सरकार पर भी देशभर में चाइनीस सामान के बहिष्कार के मद्देनजर काफी दबाव बना हुआ है.


क्या-क्या चीन से आयात करता है भारत
भारत चीन से मोबाइल फोन दूरसंचार के अन्य उपकरण बिजली का सामान प्लास्टिक के खिलौने और चिकित्सीय उपकरण सहित दवाइयां आयात करता है जो उसके कुल आयात का 14% है. उद्योगों को चीन से आयातित माल और कच्चे सामान की सूची के साथ टिप्पणियों सुझाव भेजने के लिए कहा गया है. इन सामानों में कलाई घड़ी, दीवार घड़ी, कांच की छड़े ट्यूब, हेयर क्रीम हेयर, शैंपू फेस पाउडर, आंख और होठों पर लगाने के लिए इस्तेमाल होने वाले काजल और लिपस्टिक जैसे मेकअप के सामान शामिल है.


सूत्रों के मुताबिक, मुद्रण स्याही पेंट वार्निश और कुछ तंबाकू उत्पाद भी इसमें शामिल है. इसके अतिरिक्त जो विवरण उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने कहा है उसमें साल 2014-15 से लेकर 2018-19 के बीच आयात में हुई वृद्धि का डेटा शामिल है. सरकार की ओर से घरेलू उत्पादों की कीमत और चीन से आने वाली उसी सामान या वस्तु की कीमत का तुलनात्मक विवरण भी मांगा गया है. इसके अलावा ऐसी वस्तुओं की घरेलू उत्पादन क्षमता, मुक्त व्यापार समझौते के तहत आयात और ऐसे सामान या वस्तुओं पर टैक्स की दर और नियम शामिल है. उद्योग संगठनों से वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने जल्द ऐसी सामानों की सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा है.


सरकार ने हाल ही में टायर के आयात पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं. साथ ही साथ सरकार ने ऐसी समुचित व्यवस्था भी की है जिसमें भारत के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करने वाले देशों के निवेश को हरी झंडी देने से पहले सरकार की सहमति की आवश्यकता होगी. इसके पीछे एक बड़ी वजह बताई गई है कोविड-19 के दौरान, संकट से गुजर रही. किसी घरेलू कंपनी के टेक ओवर करने की संभावना को कम किया जा सके, ऐसा करके चीन से आने वाली विदेशी निवेश को एक तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है.


चीन से घटा आयात
भारत ने चीन से अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 के बीच 62.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात किया जबकि इसी अवधि में 15.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया. भारत के लिए चिंता चीन के साथ बढ़ता व्यापार घाटा है. सीमा पर चीन के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर भारत ने चीन की नकेल कसने के लिए उसके पेट पर लात मार निकी कई उपाय किए सबसे पहले भारत ने चीन से आयात होने वाले और चीनी कंपनियों के टेलीकॉम उपकरणों पर प्रतिबंध लगाने के लिए तमाम टेलीकॉम कंपनियों को चीनी उपकरण चलन से बाहर करने और नए चीनी उपकरणों के उपयोग प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए. इसके अलावा रेलवे मंत्रालय ने चीन के बीजिंग के कंपनी से कानपुर और मुगलसराय के बीच सिगनलिंग का एक ठेका रद्द कर दिया 471 करोड़ रुपए के ठेके को धीमी रफ्तार से काम करने के कारण रद्द किया गया हालांकि इसके पीछे बड़ी वजह चीन के साथ भारत के सीमा पर बढ़ते तनाव को माना जा रहा है.


अब भारत सरकार चीन पर नकेल कसने के लिए तकरीबन 250 से ज्यादा आयात होने वाले सामान पर ड्यूटी या गुणवत्ता बढ़ाने पर विचार कर रही है ताकि घरेलू उत्पादों को चीन से आयात होने वाले सामान की कम कीमत की वजह से कटाई का सामना ना करना पड़े.


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