कोविड टीकाकरण के लिए बजट में घोषित 35 हजार करोड़ में से केवल 13 फीसदी राशि खर्च, RTI से खुलासा
एक आरटीआई में मिली जानकारी से खुलासा हुआ है कि केंद्र सरकार ने टीकों की खरीद के लिए कुल 35,000 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान में से सिर्फ 4,488.75 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. यह राशि बजटीय प्रावधान की 12.82 फीसदी है और अभी तक 87.18 फीसदी पैसा खर्च नहीं हो पाया है.
नई दिल्लीः नागपुर के एक एक्टिविस्ट को आरटीआई एक्ट के तहत मिली जानकारी से पता चला है कि केंद्र सरकार ने टीकों की खरीद के लिए कुल 35,000 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान में से सिर्फ 4,488.75 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पेश बजट में कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए 35,000 करोड़ रुपये के प्रावधान की घोषणा की थी.
एक्टिविस्ट मोहनीश जबलपुरे की आरटीआई के जवाब में सामने आया है कि वैक्सीनेशन के बजटीय प्रावधान का 13 फीसदी से कम पैसा ही खर्च हो पाया है और अभी 87.18 फीसदी पैसा खर्च नहीं किया गया है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण ने मोहनीश को 28 मई को अपने जवाब में बताया, “ केंद्रीय बजट में वित्त वर्ष 2021-22 में टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड (मंत्रालय की खरीद एजेंसी) को कोविड वैक्सीन की खरीद के लिए 4,488.75 करोड़ रुपये सीरम इंस्टीट्यूट से कोविशील्ड की 21 करोड़ डोज और भारत बायोटेक से कोवैक्सीन की 7.5 करोड़ डोज खरीद के लिए जारी किए गए हैं. कोविड-19 के टीके की खरीद और इनोक्यूलेशन की प्रक्रिया जारी है. ”
कोरोना संक्रमण से कई युवाओं की भी हुई है मौत
मोहनीश जबलपुरे ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा “केंद्र ने 1 मई से 18-44 आयु वर्ग के लिए टीकाकरण की घोषणा की थी. मेरे जैसे हजारों लोग इस घातक बीमारी से खुद को बचाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. कई युवाओं की कोरोना से मृत्यु भी हुई है. केंद्र ने बार-बार घोषणा की थी कि भारत में डोज की कोई कमी नहीं है. वहीं, केंद्र ने कुल बजटीय प्रावधान का केवल 12.82% ही खर्च किया है. केंद्र शेष राशि का सभी को मुफ्त में टीका उपलब्ध कराने के लिए उपयोग क्यों नहीं कर रहा है .”
3 मई को 2,520 करोड़ रुपये के पेमेंट की दी थी जानकारी
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण ने 3 मई को एक स्टेटमेंट में कहा कि सरकार ने 2,520 करोड़ रुपये का पेमंट किया है. इसमें मई, जून और जुलाई में डोज की सप्लाई के लिए सीरम इंस्टीट्यूट 1,732.50 करोड़ रुपये और भारत बायोटेक को 787.50 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. वहीं, 28 मई को सरकार ने बताया कि उसने डोज की खरीद के लिए एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड को 4,488.75 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
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