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Aarogya Setu App: डेटा को लेकर सरकार ने जारी किए नियम, उल्लंघन करने पर हो सकती है जेल

नए नियमों के तहत 180 दिनों से अधिक डेटा के स्टोरेज पर रोक लगाई गई है.अभी तक 9.8 करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया है.

नई दिल्ली: देश में जानलेवा कोरोना वायरस के मद्देनज़र बनाई गई आरोग्य सेतू एप को लेकर केंद्र सरकार ने नए नियम जारी किए हैं. सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप के यूजर्स की जानकारियों (डेटा) की प्रोसेसिंग के लिए दिशानिर्देश जारी करके कहा है कि कुछ नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के लिए अब जेल की सजा का भी प्रावधान किया गया है.

नए नियमों के तहत 180 दिनों से अधिक डेटा के स्टोरेज पर रोक लगाई गई है. इसके साथ ही यूजर्स के लिये यह प्रावधान किया गया है कि वे आरोग्य सेतु से संबंधित जानकारियों को मिटाने का अनुरोध कर सकते हैं. इस तरह के अनुरोध पर 30 दिन के भीतर अमल करना होगा. यह ऐप एंड्रॉइड, एप्पल के आईओएस और जिओ फोन पर उपलब्ध है. सरकार ने उन लोगों के लिये एक टोल फ्री नंबर 1921 भी जारी किया है जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है.

डेटा गोपनीयता पर किया गया है बहुत काम- आईटी मंत्रालय

नए प्रावधान केवल Demographic, Contact, Self-Assessment और कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों या उन लोगों के स्थान डेटा का स्टोरेज करने की अनुमति देते हैं जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा, "डेटा गोपनीयता पर बहुत काम किया गया है. यह सुनिश्चित करने के लिये एक अच्छी गोपनीयता नीति बनायी गयी है कि लोगों के व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग न हो.’’

अभी तक 9.8 करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया है. यदि इस ऐप के उपयोगकर्ता किसी संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आते हैं, तो ऐप यूजर्स को सचेत करता है. कोविड-19 को लेकर रोक वाले इलाकों में आरोग्य सेतु ऐप को अनिवार्य कर दिया गया है. दिशा-निर्देश में महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने में शामिल विभिन्न एजेंसियों द्वारा डेटा को संभालने की प्रक्रिया तय की गयी है. डेटा को अनुसंधान उद्देश्यों के लिये विश्वविद्यालयों के साथ भी साझा किया जा सकता है. हालांकि इसके लिये ऐप का उपयोग करने वाले व्यक्तियों की पहचान कर सकने वाली जानकारियों को पहले हटाना होगा.

जुर्माने लगने से लेकर हो सकती है जेल

प्रावधानों में कहा गया है, "इन निर्देशों के किसी भी उल्लंघन के लिये आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के अनुसार दंड और अन्य कानूनी प्रावधान लागू हो सकते हैं.’’ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जुर्माना लगाने से लेकर जेल की सजा तक का प्रावधान है. साहनी ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण कार्य ऐप से विभिन्न विभागों में डेटा का प्रवाह है जहां व्यक्तियों की गोपनीयता पर बहुत जोर दिया गया है.

उन्होंने कहा, "ऐप के यूजर्स को डिवाइस आईडी दी जाती है जिसका उपयोग विभिन्न सूचनाओं और कार्यों को संसाधित करने के लिये किया जाता है. व्यक्ति के संपर्क का उपयोग केवल उपयोगकर्ता को सचेत करने के लिये किया जाता है. आरोग्य सेतु के 13,000 से कम यूजर्स को कोरोना वायरस संक्रमण में सकारात्मक पाया गया है, लेकिन इसकी मदद से लगभग 1.4 लाख ऐसे लोगों का पता लगाया गया और सतर्क किया गया है, जो संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आये हैं.’’

आरोग्य सेतू पर उठे थे कई सवाल

नागरिकों के अधिकार का पक्ष रखने वाले कई समूहों ने आरोप लगाया है कि सरकार विशेष रूप से गोपनीयता के आसपास किसी भी कानून की अनुपस्थिति में बड़े पैमाने पर निगरानी के लिए आरोग्य सेतु का उपयोग कर रही है. मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "प्रोटोकॉल कानूनी अंतर को पाटने और गोपनीयता संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिये जारी किया गया है." साहनी ने कहा कि एक गैर-संक्रमित व्यक्ति का डेटा 30 दिन में हटा दिया जाता है. इसके अलावा जांच कराने वाले लोगों का डेटा 45 दिन में बौर इलाज कराने वाले लोगों का डेटा 60 दिन में हटा दिया जाता है.

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