नई दिल्ली: ऑक्सीजन संकट पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. कोविड मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति पर दिए गए निर्देश का अनुपालन नहीं करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा जारी अवमानना के नोटिस के खिलाफ केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के अवमानना के नोटिस और दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी के मामले में अधिकारियों को अदालत में मौजूद रहने के निर्देश देने के खिलाफ तत्काल सुनवाई की केंद्र की याचिका पर विचार करने पर सहमति दे दी. चीफ जस्टिस एनवी रमण ने हाईकोर्ट के अवमानना आदेश पर केंद्र की याचिका को न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है.
"अवमानना कार्यवाही क्यों नहीं की जाए?"
दिल्ली में ऑक्सीजन संकट और कोविड संबंधी मुद्दों पर पीठ ने कल करीब पांच घंटे तक सुनवाई की थी. पीठ ने कहा था, 'हम हर दिन इस खौफनाक हकीकत को देख रहे हैं कि लोगों को अस्पतालों में ऑक्सीजन या आईसीयू बेड नहीं मिल रहे, कम गैस आपूर्ति के कारण बेड की संख्या घटा दी गयी है.'
पीठ ने कहा था, 'लिहाजा, हम केंद्र सरकार को कारण बताने को कह रहे हैं कि मई के हमारे आदेश और सुप्रीम कोर्ट के 30 अप्रैल के आदेश की तामील नहीं करने के लिए क्यों नहीं अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए. नोटिस का जवाब देने के लिए हम पीयूष गोयल और सुमित्रा डावरा (केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी) को कल उपस्थित होने का निर्देश देते हैं.'
अतिरिक्त महाधिवक्ता (एसीजी) चेतन शर्मा ने कहा था कि 30 अप्रैल के आदेश की तामील संबंधी रिपोर्ट बुधवार सुबह सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाएगी. इस दलील पर पीठ ने कहा था, 'हमें यह समझ नहीं आ रहा कि जब दिल्ली में 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति ही नहीं की गयी तो क्या हलफनामा दाखिल किया जाएगा. यहां तक कि पूर्व में आवंटित 490 मीट्रिक टन और संशोधित 590 मीट्रिक टन की आपूर्ति भी किसी दिन नहीं की गयी.'
ये भी पढ़ें-
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने हेल्थकेयर के लिए 50 हजार करोड़ के फंड का एलान किया