Women's Reservation Bill: 'महिला आरक्षण विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट करे बीजेपी', बोली कांग्रेस
Congress: कांग्रेस से पहले BRS नेता के. कविता ने इसी बजट सत्र में महिला आरक्षण विधेयक लाने की मांग की. उन्होंने इसके लिए एक दिन की भूख हड़ताल भी की.
Congress On Women's Reservation Bill: देश में लंबे समय से महिला आरक्षण बिल को लाने की मांग हो रही है, लेकिन आजतक किसी भी सरकार ने इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया. अब विपक्ष ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने का फैसला किया है. कांग्रेस ने शुक्रवार (10 मार्च) को बीजेपी से महिला आरक्षण विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. साथ ही संसद के बजट सत्र के दूसरे फेज में इस बिल को लोकसभा में पेश करने की मांग की है.
कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा, "जब विधेयक राज्यसभा में पारित हुआ था, तब गठबंधन सरकार थी और कांग्रेस के पास लोकसभा में बहुमत नहीं था." उन्होंने कहा, "हम राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने में सफल रहे. यह बिल अब भी जीवित है और लोकसभा में बीजेपी सरकार के पास बहुमत है. वह इसे पास कराएं."
बीजेपी स्पष्ट करे अपना रुख- लांबा
लांबा ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, "उन्होंने अपने 2019 के घोषणापत्र में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था और इससे पहले भी वह यही बात कहते रहे हैं, लेकिन 9 साल सरकार में रहने के बाद भी इस पर चुप हैं."
उन्होंने कहा, "हम मांग करते हैं कि संसद सत्र शुरू हो रहा है, बीजेपी सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा में पेश करना चाहिए और महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करना चाहिए."
बीजेपी से बिल पारित कराने की मांग
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी इस मामले में बीजेपी पर हमला किया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "9 मार्च 2010 को राज्यसभा में कांग्रेस नेतृत्व के प्रयासों के कारण ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पारित किया गया था, लेकिन इसे लोकसभा में समर्थन नहीं मिला. विधेयक लैप्स नहीं हुआ है. यह जीवित है और लंबित है. इसे फिर से पारित होने से किसने रोका है?"
BRS नेता ने की भूख हड़ताल
इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी और बीआरएस नेता के. कविता ने इसी मुद्दे पर शुक्रवार (10 मार्च) को भूख हड़ताल की. कविता ने भी इसी बजट सत्र में महिला आरक्षण बिल लाने की मांग की है. अब कांग्रेस की ओर से भी यही मांग की गई है. उनके धरने में 18 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया. हालांकि इस धरने में कांग्रेस नेता दिखाई नहीं दिए.