NEET-AIQ Case: नीट पोस्ट ग्रेजुएशन आरक्षण मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) मंगलवार या बुधवार को सुनवाई कर सकता है. यह सुनवाई 6 जनवरी को होनी तय थी. लेकिन आज केंद्र ने मामले पर जल्द सुनवाई की जरूरत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से इसका अनुरोध किया. मामले की सुनवाई कर रही बेंच के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रचूड़ आश्वासन दिया है कि वह चीफ जस्टिस से बात कर कल या परसों सुनवाई कोशिश करेंगे.


मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएशन में दाखिले के लिए इस साल से लागू आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 10 प्रतिशत आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी गई है. 25 नवंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने इस श्रेणी में आरक्षण पाने के लिए अधिकतम आय सीमा 8 लाख रुपए प्रति वर्ष रखे जाने पर सवाल उठाए थे. केंद्र ने इस नीति पर पुनर्विचार का भरोसा दिया था. इसके बाद सुनवाई टल गई और पोस्ट ग्रेजुएशन में दाखिले के लिए काउंसिलिंग भी रुक गई.


पोस्ट ग्रेजुएशन में नए छात्रों का दाखिला न होने का सीधा असर देशभर के मौजूदा पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों पर पड़ा, क्योंकि उन्हें बतौर जूनियर डॉक्टर अस्पतालों में बहुत अधिक ड्यूटी करनी पड़ रही है. इससे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. देश के अलग-अलग हिस्सों में इस समय जूनियर डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं. यही वजह है कि केंद्र ने कोर्ट से मामले को जल्द सुनने का अनुरोध किया है ताकि मेडिकल पीजी में के दाखिले में आ रही अड़चन को दूर किया जा सके.


बता दें कि केंद्र सरकार ने कोर्ट के दखल के बाद सामान्य वर्ग के गरीबों के आरक्षण के लिए अधिकतम आय सीमा पर दोबारा विचार के लिए एक कमिटी का गठन किया था. कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में पूरे देश में एक समान 8 लाख रुपए की आय सीमा की नीति में बदलाव की सिफारिश की है. हालांकि, कमिटी ने यह भी कहा है कि इस साल दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसलिए, अभी के लिए 8 लाख रुपए की सीमा को बनाए रखा जाए. नई नीति को अगले साल से लागू किया जाए. 


सुप्रीम कोर्ट में जाड़े की छुट्टियों के बाद सुनवाई का आज पहला दिन था. केंद्र की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने मामले की सुनवाई करने वाली बेंच के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रचूड़ से अनुरोध किया कि कोर्ट 6 जनवरी के लिए तय सुनवाई को कल ही करे. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि यह 3 जजों की बेंच का मामला है. उनके साथ मामले को सुन रहे बाकी दो जज जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ इस समय अलग-अलग बेंच में बैठ रहे हैं. इसलिए, वह चीफ जस्टिस से बात करेंगे. इससे कल या परसों सुनवाई के लिए विशेष बेंच का गठन किया जा सकेगा.


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